विरोध में लोगों ने किया हंगामा
अब टहलने पर भी देना होगा पैसा
नहीं हो पा रही है ऑनलाइन बुकिंग
वेबसाईट पर दिया गया नम्बर भी नहीं कर रहा है काम
1 माह का पास 250 रुपये में
वरिष्ठ नागरिकों के लिए 125 रुपये
पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक की सुविधा अब मुफ्त नहीं रही ,इसके लिए आज से ही लोगों को शुल्क देना पड़ेगा .सुबह या शाम घूमने वाले लोगों को मासिक और सालाना पास बनवाना पड़ेगा. आज सुबह जब लोग चिड़ियाघर में गए तो उनसे टिकट की मांग की गई इस लोग भड़क गए और हंगामा करने लगे .अंत में उन्हें टिकट के साथ ही अन्दर जाने दिया गया. पर्यावरण एवं वन विभाग ने चिड़ियाघर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए टिकट या पास पर प्रवेश का नियम बना दिया है .एक महीने का पास बनवाने पर 250 रुपए और एक साल पर दो हजार रुपए लगेंगे. वहीं, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को वयस्कों से आधा शुल्क लगेगा. यानी बुजुर्गों को एक महीने का 125 रुपए और एक साल के लिए एक हजार रुपए देने होंगे. अगर आपके जू का पास है तो आप कभी भी जा सकते हैं . अब इस पास पर आप सुबह-शाम वॉक करें या घूमें यह आपके ऊपर निर्भर करेगा.
अधिकारियों ने कहा कि जो लोग पास नहीं बनवाएंगे उन्हें टिकट लेकर ही प्रवेश करना होगा. साथ ही चिड़ियाघर खुलने का समय सुबह 5 बजे और बंद होने का समय शाम छह बजे तक तय किया गया है,एक जानकारी के मुताबिक़ करीब 25 हजार लोग रोज सुबह और शाम मिलाकर मॉर्निंग और इवनिंग वाक के लिए आते आते हैं इनमें कई वीवीआईपी भी होते हैं, चिड़ियाघर प्रशासन का कहना है कि चाहें वीवीआईपी हो या आम लोग सभी को पास बनवाने होंगे. इसके बिना प्रवेश नहीं होगा.सेंट्रल जू अथॉरिटी के सख्त निर्देश के बाद चिड़ियाघर में वॉक को बंद नहीं किया जा रहा है.सेंट्रल जू अथॉरिटी ने साफ़ कहा है कि अगर मोर्निंग और इवनिंग वाक को नहीं बंद किया गया तो वे जानवरों को यहाँ से हटा लेंगे. जिसका विरोध स्थानीय लोगों ने किया था.
आज सुबह चिड़ियाघर में मोर्निंग वाक के लिए पहुंचे लोगों में निखिल के डी वर्मा ने कहा कि सूचना मिलने पर जब हमने ऑनलाइन पास लेने की कोशिश तो वो भी काम नहीं कर रहा है.वेबसाईट पर दिए गए नंबर भी काम नहीं कर रहे है .पास बनवाने में काफी दिक्कत हो रही है वहीं सुबह सुबह कौन लाइन में लगेगा. उन्होंने कहा कि जू प्रशासन को इन कमियों पर भी ध्यान देना चाहिए ,जिससे लोग ऑनलाइन पास ले सकें . मनोज चौधरी और रितेश का कहना है पैसा लगना ठीक है परन्तु अंदर किसी तरह का प्रतिबंध जैसे जंगल ट्रेल पर नहीं जाने देना, नहीं होनी चाहिए. वैसे पैसा लगने के चलते वैसे लोगों की संख्या में कमी आयेगी जो सेहत बनाने के उद्देश्य से वहां नहीं आते हैं। इससे जू में रहे जानवरों के लिए भी यह कदम बहुत अच्छा है.