पदेन जनप्रतिनिधियों को भेजा जाता है जिप बैठकों में शामिल होने का न्योता
जिला परिषद की कार्यवाही को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. जारी उबाल में आंच देने की बारी इस दफा अध्यक्ष रेणु देवी के बयान से आई है. मामला जुड़ा हुआ है जिप की सामान्य बैठकों में पदेन सदस्यों (जनप्रतिनिधियों) को शामिल होने के लिए सूचना नहीं देने को लेकर. अध्यक्ष ने जुम्मे के दिन प्रेस बयान जारी कर दावा किया है कि उपाध्यक्ष ललिता झा के आरोप में कोई दम नहीं है.जारी बयान में कहा गया है कि संबंधित जनप्रतिनिधियों को बजाप्ता टेलीफोन और व्हाट्सएप के जरिए बैठक में शामिल होने का आग्रह किया गया था. पहले से जो चलन रहा है उसका पूरा खयाल रखा जाता है. इतना ही नहीं, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजेश झा राजा के कार्यकाल में सदन ने तमाम वित्तीय संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल को सुनिश्चित किया है. राजेश झा की प्रशासकीय दक्षता के कारण योजनाओं के अमल में पारदर्शिता के साथ ही तेजी आई है.
अध्यक्ष रेणु देवी ने सफाई देते हुए उपाध्यक्ष ललिता झा के बयान को तथ्यहीन और हतोत्साहित करने वाला करार दिया. प्रेस बयान में कहा गया है कि 13 फरवरी 2023 को हुई सामान्य बैठक में बुलावे के बावजूद संबंधित जनप्रतिनिधि शरीक नहीं हुए. विभिन्न कारणों से ऐसा अक्सर होता रहा है. 13 फरवरी की बैठक में पूर्व निर्धारित सभी 11 विषयों पर समुचित मंथन हुआ. संपुष्टि के दौरान कई जिप सदस्यों की आपत्ति का निराकरण किया गया.आपको बता दें कि मंगलवार को जिला परिषद की उपाध्यक्ष ललिता झा ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया था कि जिप की बैठकों में क्षेत्र के एमएलए, एमएलसी, प्रमुख और सांसद को नहीं बुलाया जाता है. उनके निशाने पर खास तौर पर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी रहे. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि सूचना देना मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के जिम्मे आता है. ललिता झा ने आरोप लगाया था कि जान बूझ कर परिपाटी से अलग कार्य संस्कृति अपनाई जा रही है.आपको ये भी बता दें कि दरभंगा जिप में 47 सदस्य हैं. इस साल दो बैठकें हुई हैं. 17 जनवरी 2023 को स्थाई समिति के गठन के लिए जिला परिषद की विशेष बैठक आयोजित की गई थी. जबकि 13 फरवरी को सामान्य बैठक आयोजित की गई थी. जिले के दो सांसद,10 विधायक, चार विधान पार्षद और तमाम प्रखंड प्रमुख पदेन सदस्य हैं.
संजय मिश्र,दरभंगा