”भारत एआई मिशन” के लिए सरकार की पंचवर्षीय योजना से युवाओं को मिलेगा लाभ

युवा बढ़ती टेक्नोलॉजी और एआई तकनीक का इस्तेमाल कर नई-नई काम की चीजें बनाने की कोशिश करना चाहते हैं

50 से अधिक मंत्रालयों में एआई क्यूरेशन यूनिट्स भी बनाया जायेगा




आलोक रंजन

भारत सरकार द्वारा एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. “इंडिया एआई मिशन” के तहत आने वाले पांच सालों में 10 हजार 372 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दे दी गई है. भारत सरकार निजी कंपनियों को सब्सिडी देकर देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटिंग क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने का काम करेगी, जिससे एआई रिसर्च और विकास कार्य में तेजी आयेगी. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्ट-अप्स की मदद करने के लिए उन्हें शुरुआत में ही फंडिंग दे दी जाएगी. इससे इन कंपनियों में तरक्की होने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. इतना ही नहीं सरकार द्वारा एक ऐसा ढांचा तैयार किया जाएगा जिसके तहत नॉन-पर्सनल डेटा को एकत्र करके उपयोग में लाने का काम किया जा सके.

क्या है एआई मिशन

वर्तमान समय तक एआई से जुड़े बड़े सिस्टम और सॉफ्टवेयर विदेशों से मंगवाए जाते है, लेकिन अब इंडिया एआई मिशन के तहत भारत में ही ऐसे सिस्टम को बनाने का काम किया जाएगा जिसके माध्यम से भारतीय साइंटिस्ट और कंपनियों को नई चीजें सीखने-समझने में काफी सहायता मिलेगी. आजकल के युवा बढ़ती टेक्नोलॉजी और एआई तकनीक का इस्तेमाल कर नई-नई काम की चीजें बनाने की कोशिश करना चाहते हैं. इस मिशन में सरकार ऐसे युवाओं को फंडिग देकर उनकी मदद करेगी. रोजमर्रा के जीवन में हम कई चीजों का इस्तेमाल करते है, जिससे कुछ न कुछ जानकारी जरूर इकट्ठा हो जाती है, एआई मिशन में ऐसी ही जानकारी को इकट्ठा कर उसे सही तरीके से प्रयोग करने का प्रयास किया जाएगा.

मिशन से किसानों की फसलें सही होने के साथ-साथ डॉक्टर मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से कर सकेंगे, इतना ही नहीं बच्चों के लिए पढ़ाई करना भी आसान हो सकेगा. 50 से अधिक मंत्रालयों में एआई क्यूरेशन यूनिट्स भी बनाया जायेगा. एक एआई मार्केटप्लेस भी बनाया जायेगा जहां एआई सर्विस और प्री-ट्रेंड मॉडल्स आसनी से मौजूद होंगे. सरकार द्वारा अलग-अलग विभागों के लिए खास एआई कमरा बनाया जायेगा. इन्हीं कमरों में कर्मचारी एआई का इस्तेमाल कर अपने कार्य को आसान बनाने का काम सीखेंगे. 

5 साल की सरकारी योजना

केंद्र सरकार ने नई टेक्नोलॉजी से आम लोगों को जोड़ने का काम किया है. इसके लिए एक डिजिटल इंडिया मिशन की भी शुरुआत की गई थी. दिसंबर 2023 में ग्लोबल एआई समिट में पीएम मोदी द्वारा Making AI In India में सबसे पहले बात की गई थी. इंडिया एआई मिशन में सरकार 10 हजार से अधिक जीपीयू (Graphics Processing Unit) लगाने की योजना बना रही है. Graphics Processing Unit एक तरह के खास कंप्यूटर है जो कि एआई को चलाने में सहायता करेंगे. इतना ही नहीं सरकार हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं पर आधारित डेटाडेट्स के साथ 100 अरब से अधिक पैरामीटर्स वाले फाउंडेशनल मॉडल्स भी वकसित किया जाएगा. इन मॉडल्स का इस्तेमाल कृषि और गवर्नेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाएगा.

AI से युवाओं को किया जायेगा तैयार

भारत एआई मिशन का एक उद्देश्य यह भी है कि इसके माध्यम से अधिक-से-अधिक लोगों को एआई का इस्तेमाल सिखाना है. इसके लिए सरकार द्वारा दो खास कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे. पहला कार्यक्रम “इंडिया एआई फ्यूचरस्किल्स प्रोग्राम”, इस कार्यक्रम में सरकार ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की डीग्री वाले एआई कोर्स पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करेगी. इससे यह साफ है कि ये कोर्स केवल बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों के साथ-साथ कस्बों में भी कराया जा सकेगा. दूसरा कार्यक्रम लगभग सभी जगह पर डेटा और एआई लैब्स को स्थापित करना है. लैब्स को देशभर में खोला जाएगा, जिससे अधिक-से-अधिक लोगों को शुरुआती स्तर का डेटा और एआई का कोर्स करने का अवसर मिल सकेगा. इंडिया मिशन के तहत स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. अंडर ग्रैजुएट से पीएचडी लेवल तक के प्रोग्राम डेवलप किए जा रहें है. टियर 2 और टियर 3 शहरों में डेटा और एआई लैब्स का निर्माण किया जायेगा, जिससे वहां फाउंडेशन कोर्स उपलब्ध कराया जा सकें. इस मिशन के तहत स्टार्टअप्स को अर्ली स्टेज फाइनैंसिंग भी इस मिशन के जरिए मिल सकेगी. इस मिशन के तहत एआई को जिम्मेदार तरीके से विकसित करने और अपनाने पर बल दिया जायेगा.

By pnc

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