गांव गांव और घर-घर तक ग्रामीण शिल्प और हुनर को पहुंचाना जरूरी -मंत्री
देश के अन्य राज्यों की महिलाएं लाभान्वित हो रही
मेला में उत्पादों की बिक्री सह प्रदर्शनी के लिए कुल 135 स्टॉल
75 स्टॉल बिहार राज्य के विभिन्न जिलों के जीविका दीदियों के
हस्त शिल्प कला के अनोखे संगम बिहार सरस मेला का आगाज़ ज्ञान भवन पटना में हो गया . ग्रामीण उधमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार ग्राम सरस मेला का विधिवत उद्घाटन श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग , बिहार सरकार ने किया. मंत्री ने ज्ञान भवन के मुख्य द्वार पर फीता काटकर सरस मेला का शुभारंभ किया. मंत्री का स्वागत मेला परिसर में जीविका दीदियों ने पुष्प गुच्छ देकर किया. श्रवण कुमार ने मेला परिसर में लगे विविध स्टॉल का भ्रमण किया और ग्रामीण शिल्पकारों द्वारा बनाये गए उत्पादों की तारीफ़ की. मुख्य मंच पर आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर आगत अतिथियों का स्वागत जीविका दीदियों ने जीविका गीत बढ़ते कदम प्रस्तुत कर किया .
मंत्री श्रवण कुमार ने मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत की . स्वागत संबोधन राहुल कुमार, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका ने किया.आगत तिथियों का स्वागत करते हुए राहुल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण शिल्प को एक मंच प्रदान करते हुए उसे बाज़ार उपलब्ध कराना इस मेला का उदेश्य है बालामुरुगन डी. सचिव, ग्रामीण विकास विभाग ने कहा कि ग्रामीण शिल्प और उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेला एक बड़ा माध्यम है. यहाँ आकर बिहार के स्वयं सहायता समूह से जुडी महिलाओं के अलावा देश के अन्य राज्यों की महिलायें लाभान्वित हो रही है . प्रति वर्ष सरस मेला के ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर है.
लिहाजा सरस मेला लोगों की कसौटी पर खरा उतरा है. वर्तमान समय में बिहार ग्राम सरस मेला राष्ट्रीय मेला के स्वरुप में प्रदर्शित है. उन्होंने यह उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में जिला स्तर पर भी एक बड़े कैनवास पर ग्रामीण शिल्प जीविका दीदियों के माध्यम से बिके. उनके बाद महिषी विधायक गुन्जेश्वर साह ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरस मेला के माध्यम से जीविका दीदियाँ संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित कर रही हैं.
अंत में अपने संबोधन में श्रवण कुमार जी ने कहा कि प्रति बर्ष सरस मेला के आयोजन में निखर आ रहा है साथ ही गाँव के शिल्पकारों को बेहतर मंच भी मिल रहा है. ग्रामीण विकास मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गाँव-गाँव और घर-घर तक ग्रामीण शिल्प और हुनर को पहुंचाना है. उन्होंने जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई की भी सराहना की . अंत में आगत अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया. धन्यवाद ज्ञापन राम निरंजन सिंह , निदेशक, जीविका ने किया . मंच संचालन, संतोष कुमार, प्रबंधक, संचार, जीविका ने किया.
मेला में उत्पादों की बिक्री सह प्रदर्शनी के लिए कुल 135 स्टॉल सजे हुए हैं . जिसमे 75 स्टॉल बिहार राज्य के विभिन्न जिलों के जीविका दीदियों को , 50 स्टॉल अन्य राज्यों के महिला उद्धमियों के लिए तथा 10 स्टॉल में से 5 स्टॉल महिला विकास निगम एवं 5 स्टॉल बिहार महिला उद्योग संघ को आवंटित है जीविका दीदियों द्वारा संचालित शिल्प ग्राम एवं मधु ग्राम के स्टॉल के उत्पाद सहज ही आगंतुकों को अपने ओर आकर्षित कर रहे हैं.बिहार समेत 17 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला उद्यमी एवं स्वरोजगारियों का हस्तशिल्प,लोक-कला एवं लोक-शिल्प विभिन्न स्टॉलों पर प्रदर्शित है . बिहार के सभी जिला से स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिला उद्यमी अपने शिल्प और उत्पाद के साथ सरस मेला में उपस्थित हैं.
जीविका दीदियों द्वारा संचालित दीदी की रसोई के पर भी स्वादिष्ट व्यंजन उपलब्ध है. दो वर्षों तक इन्तजार करते लोग अब 11 सितंबर तक सरस मेला में अपने मनपसंद उत्पादों की खरीदारी करेने और व्यंजनों का लुत्फ़ भी उठाएंगे.
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