राजभवन, बिहार के राजेन्द्र मंडप में आज सुबह ‘अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर योग शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल सत्य पाल मलिक भी शामिल हुए. कार्यक्रम में राज्यपाल मलिक ने ‘अन्तराष्ट्रीय योग दिवस’ का महत्व उपस्थित लोगों को बताया तथा योग को दैनिक जीवन में नियमित रूप से शामिल करने का सुझाव दिया.
राजभवन में आयोजित ‘योग शिविर’ में राज्यपाल सचिवालय के सभी अधिकारी, राजभवन के सभी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य, सुरक्षाकमिर्यों आदि ने उपस्थित होकर योग के विभिन्न आसनों एवं प्राणायाम आदि का प्रशिक्षण प्राप्त किया. कार्यक्रम के दौरान बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर के प्रशिक्षक विजय शंकर ने योग के संक्षिप्त इतिहास, विकास-परम्परा, स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए यौगिक अभ्यास की उपयोगिता, सात्विक विचार के लिए सम्यक् भोजन-विधि आदि पर प्रकाश डालने के साथ साथ ताड़ासन, पादहस्तासन, अर्द्धचक्रासन, वज्रासन, शशकासन, भुजंगासन, मकरासन, पवनमुक्तासन, शवासन आदि के अतिरिक्त, कपालभाति एवं अनुलोम-विलोम, शीतली एवं भ्रामरी प्राणायामों के साथ-साथ ध्यान विधियों का भी अभ्यास कराया.
योग प्रशिक्षक ने बताया कि योग से मन, विचार और कर्म में एकरूपता आती है, आत्मसंयम की प्रवृत्ति विकसित होती है तथा मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित होता है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक परिवर्तन की वजह शरीर में होनेवाले बदलावों के साथ सामंजस्य बैठाने में योग मनुष्य की मदद करता है. कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, अपर सचिव विजय कुमार सहित राज्यपाल सचिवालय के सभी वरीय अधिकारी आदि भी शरीक हुए.