भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद आर के सिन्हा के घर पहुंचा सोनू
मामा और चाचा के साथ आया पटना
अब सोनू जाएगा इंडियन पब्लिक स्कूल देहरादून
पांचवी कक्षा में होगा नामांकन
छात्रवृति के साथ मिलेगी आवासीय सुविधा
नालंदा जिले के नीमा कोल के रहने वाले रणविजय यादव का 11 वर्षीय पुत्र सोनू आजकल सुर्खियों में है. सोनू का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. टीशर्ट पैंट और हवाई चप्पल पहने सोनू सोमवार को पटना पहुंच कर भाजपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व सांसद आर के सिन्हा के घर अन्नपूर्णा में उनसे मिला. सोनू के चेहरे पर एक सुकून दिखा जो अमूमन नालंदा या टीवी चैनलों में नहीं दिख रहा था. सोनू आर के सिन्हा का प्यार पा कर उनके गले से लिपट कर भावुक हो गया.
पूर्व सांसद आरके सिन्हा भी सोनू से मिल कर और उससे बातें कर खुश दिखे. उन्होंने सोनू को इन्डियन पब्लिक स्कूल देहरादून में पांचवी कक्षा में पढ़ने और छात्रवृति के पढ़ने और आवासीय सुविधा भी देने की बात कहीं है. इस विद्यालय में एक वर्ष में न्यूनतम खर्च 6 लाख रुपया आता हैं. सोनू ने जब उनसे आईएएस बनने की बात की तो उन्होंने कहा कि आईएएस बनने तक वो उसकी मदद करेंगे.पूर्व सांसद ने कहा कि आज सोनू मेरे पटना आवास पर अपने चाचा और मामा के साथ पहुंचा. बच्चा तो बच्चा ही होता है. वह मेरे पास आकर प्यार पाकर एक सामान्य बच्चे की तरह ही सरल हो गया.
मैंनें उसे अपने इंडियन पब्लिक स्कूल, देहरादून अपने अभिभावकों के साथ जाकर देखने को कहा है. यदि मेरा विद्यालय उसे पसंद आता है तो मैं उसे 100% स्कालरशिप देकर पांचवी कक्षा में एडमिशसन करवा दूंगा और अगले आठ वर्षों तक सारी सुविधायें देकर इस योग्य बनाने का भरसक प्रयास करूंगा, जिससे वह अपनी महत्वाकांक्षा को साकार कर सके. सोनू आर के सिन्हा के साथ खाना खाया और ढेरों बातें की. सोनू ने कहा कि मैं जल्द ही स्कूल जाऊंगा और देखूंगा क्योंकि मुझे तो आईएएस बनना है इसके लिए छोटी छोटी बात पर ध्यान देना है. सोनू कहता है कि छोटे लोग ही बड़ा काम करते हैं .
बिहार के नालंदा जिले के नीमा कोल के रहने वाले रणविजय यादव का 11 वर्षीय पुत्र सोनू आजकल सुर्खियों में है. सोनू का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाने वाला वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वैसे, सोनू की पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी को इससे भी समझा जा सकता है कि वह गांव में ही अपने हम उम्र को पढ़ाता भी है. किसी भी प्रश्न का बेझिझक जवाब देने वाला सोनू के वीडियो को देखने के बाद कई लोग उसकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं कि बचपन से ही सोनू तेज तर्रार है. इसके पिता दूध बेचने का काम करते हैं तो माता लीला देवी निरक्षर हैं.
दरअसल, हरनौत के दौरे के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों से मिल रहे थे, इसी दौरान सोनू भीड़ से आगे बढ़ कर मुख्यमंत्री से कहता है, सुनिए न सर. हमे पढ़ाई में मदद कर दीजिए. मुख्यमंत्री ने तत्काल उपविकस आयुक्त को उसकी आगे की पढ़ाई का जिम्मा सौंप देते हैं. वैसे, सोनू हमउम्र के बच्चो को ट्यूशन भी पढ़ाता है. ट्यूशन से पैसे मिले उससे वह एंड्रायड फोन खरीद लिया, जिससे वह यू ट्यूब पर जानकारी हासिल कर सके.
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