कर संग्रह करने की जगह कोचिंग क्यों चला रहे जीएसटी वाले अफसर ?




ऑनलाइन कोचिंग चलने की परमिशन किसी को नहीं दी गई -अधिकारी

जिम्मेवारी पर सवाल : सोयी है सरकार

“आये थे हरिभजन को ओटन लगे कपास ” ये एक पुरानी लोकोक्ति है जिसका मतलब ये कि करने आये कुछ, और करने लगे कुछ.

जी,हां ऐसा ही कुछ करते चर्चे में आये हैं बिहार वाणिज्यकर (GST) के दो अधिकारी. इस चर्चे के बाद अब या तो ये दोनों अधिकारी खुद सुधर जाएँ या उनके विभाग के वरीय अधिकारी उन्हें सुधार लें तो बेहतर नहीं तो ड्यूटी बजाने की जगह धंधा करने कराने का आरोप दोनों पर चस्पा है. इस मामले की अंदरुनी बातें ये हैं कि,पटना में पिछले दस सालों से पदस्थापित वाणिज्यकर विभाग के एसी रैंक के दो अफसर अपनी राजधानी में पदस्थापना का मजा कोचिंग चलाकर ले रहे हैं. इनके ऑनलाइन क्लॉस के यू ट्यूब लिंक भी हैं और मछुआटोली इलाके में 10 हजार वर्गफुट का एक फेमस कोचिंग सेंटर भी. इन दोनों अधिकारियों के कोचिंग क्लास करने को लेकर मोबाइल कॉल्स की एक ख़ास रिकार्डिंग भी करके इनके चहेतों ने वायरल कर रखा है. इनके कोचिंग सेंटर के मौजूद होने,मोबाइल काल में हो रही बातें और इनके यूट्यूब लिंक ये तीन ऐसे सबूत हैं जो ये सवाल पैदा करते हैं कि दोनों अधिकारी कर संग्रह करने की जवाबदेही के बीच कोचिंग से कमाई भी आखिर कैसे कर रहे हैं ? 

इस बाबत जब वाणिज्यकर विभाग के ADC सुबोध राम से ये पूछा गया कि क्या आपके विभाग का कोई अधिकारी कर्मचारी कोचिंग चला सकता है या विभाग ने किसी को ऐसा परमीशन दे रखा है तो वे इसे गलत बता रहे हैं और जांच कराने की बात कह रहे हैं, एस्टेब्लिशमेंट ADC सुबोध राम यह साफ कहते हैं कि ऑनलाइन कोचिंग चलने की परमिशन किसी को नहीं दी गई है क्यूंकि उक्त अधिकारी वाणिज्यकर विभाग के स्थापना विभाग के प्रभारी हैं जिनके यहां से कोई भी परमीशन जारी होता है. उधर कुछ कोचिंग संचालकों ने भी इन दोनों अधिकारियों द्वारा अपने पेट पर लात मारने के इस मामले की शिकायत वाणिज्यकर विभाग की प्रधान सचिव डॉ प्रतिमा से करने की बातें कहीं हैं.

कोचिंग की कहानी वाले अधिकारियों में एक पटना मुख्यालय के GST विकास भवन में साथ ही सचिवालय के एनेक्सी 2 के वाणिज्यकर अन्वेषण ब्यूरो में AC हैं तो दूसरे पाटलिपुत्रा अंचल,पंत भवन वाले GST कार्यालय के AC हैं. इनके नाम हैं देवानंद और अभिनव झा और ये दोनों साझा तौर पर कोचिंग मछुआटोली इलाके में चलाते हैं. कोचिंग का नाम आर आर  कैम्पस है.

मामला कैसे आया सामने —

दरअसल वाणिज्यकर विभाग कोचिंग वालों से कर वसूलने का लक्ष्य रखती है और ये  दोनों अधिकारी पटना के कोचिंग संस्थानों से कर वसूली अभियान में जुड़े हैं. इसी बीच इनके द्वारा भी कोचिंग संचालित करने का मामला सामने आया है.इनपर यह भी आरोप है कि पद के प्रभाव से ही हजार वर्गफुट का क्षेत्र एक व्यावसायिक जगह पर इनदोनों ने मामूली किराये पर हासिल कर रखा है जो अपने आप में GST के रुल का उललंघन है.

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By pnc

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