ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स (GTRi) ने पटना में अपनी पहली तकनीकी शिखर सम्मेलन आयोजित की

पटना, 17अक्टूबर. क्या आपके पास है बिहार के लिए कोई इनोवेटिव आइडिया? आप सोच रहे होंगे कि किस तरह का आइडिया? तो आपको बता दें कि बिहार के विकास के लिए इनोवेटिव आइडिया रखने वालों के लिए GTRI एक बेस्ट प्लेटफॉर्म है. GTRI (ग्रैंड ट्रंक रोड इनिशिएटिव्स) ने पिछले दिनों “आइडियाज फ़ॉर बिहार” – इनोवेशन समिट, होटल लेमन ट्री प्रीमियर में आयोजित किया जिसमें देश के जाने-माने उद्योगपति और स्टार्टअप की शुरुआत करने वाले शामिल हुए.




इस तकनीकी शिखर सम्मेलन का लक्ष्य बिहार को तकनीकी- इनोवेशन का एक केंद्र बनाना है, जो जमीनी स्तर पर तकनीकी एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियों एवं संस्थाओं के लिए सारी सुविधा प्रदान कर उन्हें लंबे समय तक चलने वाला प्रभावशाली ईको सिस्टम उपलब्ध कराए.

इस तकनीकी शिखर सम्मेलन में देश के बड़े- बड़े विचारक, इन्वेंटर,खोजकर्ता, और आईटी इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ने वाले वक्ता शामिल हुए. इस इनोवेशन समिट में बिहार में तकनीकी क्षेत्र के तीन विशेष सत्र रहे. इन तीन सत्रों में 1) बिहार में तकनीकी क्षेत्र की संभावना, 2) एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एंड एमएल( मशीन लर्निग) निरंतर विकास और उद्यमिता के लिए क्यों प्रासंगिक है और 3) नई तकनीक और नई संभवनाएं शामिल रहे.

मुख्यमंत्री, बिहार के प्रधान सचिव एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि GTRI ने अपने पिछले दो आयोजनों में बिहार के सबसे प्रतिभाशाली लोगों को एक मंच पर लाया है. लेकिन अब समय आ गया है कि हम उनके प्रयासों से होने वाले सकरात्मक परिवर्तनों का सही आकलन करें और उन्हें उचित संसाधन एवं माहौल उपलब्ध कराएं. इन उद्यमियों के व्यवसाय एवं तकनीकी खोजों से बिहार में निवेश, नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे बिहार तकनीकी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि व्यवसायियों के लिए सरकार से निरंतर बातचीत व्यवसाय के लिए एक अनुकूल माहौल बना सकता है. उन्होंने कहा कि मैं उस जमाने का स्नातक हूँ जब dos पर काम करता था. लेकिन तकनीक ने प्रवेश किया. मोबाइल का प्रवेश हुआ और आज तकनीक ने हर जगह जिस तरह से अपना पांव पसारा है, वह उद्यमियों और उद्योग को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

बिहार सरकार के आई टी विभाग के मुख्य सचिव, संतोष कुमार मल्ल ने बिहार सरकार द्वारा राज्य के लोगों एवं नए स्टार्टअप के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि नई तकनीकी कंपनियों एवं स्टार्टअप को धैर्य के साथ अपने काम को जारी रखना चाहिए. जारी रखने पर सफलता जरूर मिलेगी.

डालमिया इंडिया ग्रुप के ईडी केडी और कपिल नाम लेकर कारपोरेट मामलों के प्रमुख कर्नल हरमीत सिंह सेठी ने कहा कि राज्य की कुछ वास्तविक समस्याओं से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग और रणनीतिक विकल्प तैयार करना महत्वपूर्ण है. जरूरत है आप जरूरत है कि भारत के बड़े बड़े कारपोरेट घराने बिहार आए. बिहार में आपार व्यवसायिक संभावनाएं मौजूद हैं.

डेल टेक्नोलॉजी के नीलाद्री साहा ने कहा कि आने वाले समय में कंपनियों के निर्णय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग द्वारा प्राप्त डाटा के सहयोग से प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल होगी.

अभिनेता और कृषि उद्यमी राजेश कुमार ने कहा की मेरा परिवार एक किसान परिवार है और खेती के लिए नई तकनीक का होना जहां खेती में बढ़ोतरी और नई संभावनाएं जगाती है व्यवसाय के लिए तकनीकी रूप से दक्ष लोगो की आवश्यकता है जो उपलब्ध डाटा और संसाधनों का उपयोग कर व्यवसाय या कृषि व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते हैं. यह भविष्य में सबसे ज्यादा रोजगार सृजन एवं इंटरप्रेनर वाला गेटवे बन सकता है. उन्होंने बातचीत के दौरान सेमिनार में उपस्थित लोगों के समक्ष कहा कि कृषि को कोई रोजगार नही मानता है कारण कि जिस देश मे गांव के किसान को ही गरीब कहा जाता है, किताबों में गरीब किसान ही पढ़ने को मिला हो उसमें किसानी कर के कैसे किसानों को खुशहाल कैसे कोई कर सकता है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि पैंडेमिक के समय अलग-अलग मीडिया वाले ने जब उन्होंने अपना कृषि स्टार्टअप खोला तो मीडिया में अलग-अलग कहानी बनाई गयी. किसी ने लिखा गोरेगाँव से अपने गाँव गया एक्टर, एक्टर बना किसान, बिगड़ी हालत एक्टर की, बना किसान जैसे कई आर्टिकल मीडिया में आये. लेकिन आज आपको बता दूं कि तकनीक का उपयोग कर के किसानों के फसल पैदावार से लेकर बाजार तक उपलब्ध कराया जा सकता है. उन्होंने नेचुरल खेती को लेकर दिल्ली महाराष्ट्र और कोलकाता में छोटे समूह में किसानों को अपने मंच से जोड़ा है.

कैरेटलेन के अवनीश आनंद ने भविष्य में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया.

ज़िम्यो के कुमार मयंक ने कहा कि एनालिटिक्स, डेटा साइंस और ऑटोमेशन का प्रयोग सफल डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में तेजी लाने और बिजनेस परिणाम को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है.

हस्क पावर सिस्टम्स के सौगत दत्ता ने कहा कि टेक दिग्गजों ने नई तकनीक को बहुत अच्छे ढंग से अपनाया है. साथ ही साथ ग्रीन इनिशिएटिव को बढ़ावा देना भी जरूरी है.

लीगलपे के कुंदन शाही ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सूचनाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग वैश्विक पटल पर इनोवेशन का उत्प्रेरक बन गया है. तकनीक ने आम आदमी के जीवन को बहुत आसान कर दिया है और यह बिहार की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए एक उत्प्रेरक तंत्र बन सकता है.

सीआईएमपी के निदेशक राणा सिंह ने कहा कि लोगों और फर्मों को एक साथ आने की जरूरत है और ये बताने की जरूरत है कि किस तरह एंड-टू-एंड तकनीक को अपनाकर डिमांड और सप्लाई की मांग को कायम रखा जा सकता है.

GTRI उन्नत स्थिरता के तरीके खोजने और विशिष्ट मुद्दों और रणनीतियों के संदर्भ में समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है. आने वाले समय मे भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्ति के रूप में उभरने की एक महत्वपूर्ण क्षमता के रूप में यह उभर सकता है जो न सिर्फ भारतीयों के लिए बल्कि प्रवासी भारतीयों के लिए भी फक्र की बात होगी.

GTRI एक गैर-पक्षपाती थिंक टैंक है जो बिहार के बारे में गंभीर, सार्थक और प्रासंगिक संवाद को बढ़ावा देता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बिहार में GTRI इससे पहले बिहार पर दो महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम आयोजित कर चुका है.

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों में पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह, मुख्यमंत्री, बिहार के प्रधान सचिव एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, एडिशनल सेक्रेटरी फाइनांस मिथलेश मिश्रा, बिहार सरकार के आई टी विभाग के मुख्य सचिव, संतोष कुमार मल्ल, ब्लूमेडिक के COO राहुल कुशवाहा, डालमिया ग्रुप के GM राजेश कुमार, कार्टलेन के अवनीश आनन्द, डेल टेक्नोलॉजी के नीलाद्रि साहा, जिमियो के कुमार मयंक, लीगल पे के कुंदन साही, अभनेता राजेश कुमार, CIMP के डॉ. राणा सिंह, हस्क पावर के सौगत दत्ता, डालमिया भारत ग्रुप के ईडी। कॉर्नल हरमीत सिंह सेठी शामिल थे. कार्यक्रम को आयोजित करने वाली GTRI टीम में क्यूरेटर अदिति बिहार सरकार के आई टी विभाग के मुख्य सचिव, संतोष कुमार मल्ल,वैशाली सेठा, दिव्यभ आर्यन, प्रत्यूष, और देवेंद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही. कार्यक्रम का संचालन शैलेश कुमार ने किया वही धन्यवाद ज्ञापन GTRI के क्यूरेटर अदिति नंदन ने किया. अगर इनोवेटिव आइडिया आप भी रखते हैं तो आपके लिए GTRI एक अच्छा प्लेटफार्म हो सकता है.

पटना से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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