आवाज की दुनिया के शानदार फनकार अमीन सयानी का जाना एक शून्यता है
पटना, 22 फरवरी. आवाज का असर ऐसा होता है कि दूर से ही कोई खींचा चला आता है. तभी तो इस आवाज के करोड़ो प्रशंसक चंद शब्दों और उनकी पुकार पर तुरन्त कूच करने को तैयार रहते हैं. मतलब ये आवाज का ही असर है कि आपको नेता, अभिनेता या सम्राट की उपाधि दे देता है. ऐसे मशहूर आवाज के कई धनी हुए लेकिन अपनी आवाज से लोगों के बीच कई दशकों तक कोई जगह बनाया तो वे थे जाने-माने रेडियो प्रस्तोता अमीन सयानी. 91 वर्ष की उम्र तक उन्होंने अपना जलवा लोगों के दिलों तक बरकरार रखा था. लेकिन लोगों के दिल मायूस हो गए जब 91 की उम्र में उनके निधन की समाचार उनके प्रशंसकों को मिली. देश ही नही विदेशों तक उनके लिए ये मायूसी छाई रही.
उनके बेटे राजिल सयानी ने अपने पिता की मृत्यु की पुष्टि करते हुए बताया कि अमीन सयानी ने 20 फरवरी की रात अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका निधन हृदय गति रुकने के कारण हुआ है. उनका अंतिम संस्कार 22 फरवरी को होगा.
अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर, 1931 में मुंबई में हुआ था. अमीन भारतीय रेडियो के ग्रैंड ओल्ड मैन कहे जाते थे. उनको ऑल इंडिया रेडियो में उनके भाई हामिद सयानी लेकर आए थे. उन्होंने लगभग 10 साल तक अंग्रेजी कार्यक्रम किए. रेडियो के अलावा अमीन ‘भूत बंगला’, ‘तीन देवियां’, ‘बॉक्सर और कत्ल’ जैसी फिल्में में भी नजर आए थे.
अमीन सयानी भारत के एक मशहूर रेडियो अनाउन्सर थे. उन्होंने न सिर्फ़ भारत में, बल्कि पूरे एशिया में ख्याति पाई थी. उनका मशहूर कार्यक्रम “बिनाका गीतमाला” रेडियो सिलोन से प्रसारित होता था. उनकी नकल कर कई रेडियो संचालक खुद को संवारने में कामयाब हुए. उनके बात करने की शैली “बहनों और भाइयो” काफ़ी सराही गई. उन्होंने 54,000 रेडियो कार्यक्रमों के अलावा 19,000 स्पोर्ट्स या जिंगल्स भी किये. उनका रेडियो सफ़र 1951 में शुरू हुआ था. रेडियो की दुनिया के बेताज बादशाह को पटना नाउ की ओर से श्रद्धा सुमन समर्पित..
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