इस डील पर पूरे देश की ही नहीं बल्कि दुनिया भर के ई कॉमर्स बिजनेसमेन, यूजर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स की नजरें हैं. जानकारी के मुताबिक फ्लिपकार्ट और वालमार्ट के बीच 12 अरब डॉलर के सौदे के लिए बातचीत आखिरी चरण में है। फ्लिपकार्ट के प्लेटफार्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं को इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है जिससे वे परेशानी में हैं। मौजूदा बातचीत और उससे उनके कारोबार पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को लेकर वे बेचैनी में हैं। विक्रेता जमीन पर चल रही बातचीत को लेकर स्पष्टता चाहते हैं क्योंकि उन्हें भी अपने कारोबार को उसी तरह बदलने की जरुरत होगी।
एक्सपर्ट्स की मानें तो वालमार्ट के निशाने पर ई-कॉमर्स का फैलता कारोबार है. इसके साथ ही वालपार्ट इंडिया और अमेरिका में एमेजॉन को टक्कर देना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि वालमार्ट स्टोर के साथ ही ई-कॉमर्स के जरिये सफलता का रास्ता चुन रही है। एमेजॉन की रणनीति भी यही है। सूत्रों ने कहा कि वालमार्ट इंडिया और फ्लिपकार्ट दोनों अलग-अलग इकाई बनी रह सकती है और अमेरिकी रिटेलर धीरे-धीरे कैश ऐंड कैरी कारोबार से हट सकती है। फिलहाल कुछ कारोबार को बेंगलूरु ले जाने में वालमार्ट को कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि वहां उसका पहले से ही उत्कृष्टता केंद्र है। ये सारी बातचीत सार्वजनिक होने के बाद भी न तो दोनों कंपनियां कोई आधिकारिक जानकारी देने से बच रही हैं.
ब्यूरो रिपोर्ट