VKSU के वीसी ने भ्रष्टाचारियों से क्षुब्ध हो दिया इस्तीफा
राजभवन ने किया नामंजूर
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति ने क्षुब्ध होकर अपने पद से आज इस्तीफा दे दिया जिसके बाद दिनभर गहमा गहमी की स्थिति बनी रही. पूरे दिन कुलपति से लोक संपर्क करते रहे लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
विश्वविद्यालय पर संकट का बादल कब खत्म होगा जब शाम होते ही यह खबर आई आई यह खबर आई की उनके इस्तीफे को राजभवन ने नामंजूर कर दिया है. हालांकि कुछ छात्र संगठन और छात्र नेता दिन में ही इस बात के कयास लगा रहे थे कि वर्तमान वीसी का इस्तीफा मंजूर नहीं हो पायेगा. NSUI के वर्तमान जिलाध्यक्ष दुलदुल सिंह उर्फ मनीष सिंह ने पटना नाउ को बताया कि इस्तीफा जबतक मंजूर न हो जाये तबतक नामंजूर ही समझा जाता है और उन्हें विश्वास है कि कुलपति के कार्यों की रूपरेखा देखकर राजभवन ऐसा निर्णय कभी नहीं लेगा.
वही कुलपति से संपर्क नहीं होने के बाद रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक से भी पटना नाउ ने कई बार संपर्क करना चाहा लेकिन किसी ने इस दरमियान फोन उठा कर जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. इस दरमियान जब NSUI के पूर्व जिलाध्यक्ष के पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक द्विवेदी से मामले के बारे में पटना नाउ ने जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि VC विश्वविद्यालय में कार्यरत भ्रष्ट कर्मियों और शिक्षकों से त्रस्त हैं. कुलपति सैयद मुमताजुद्दीन की छवि स्वच्छ और पारदर्शिता वाली है लेकिन उनकी छवि को भ्रष्ट कर्मी नहीं रखना चाह रहे हैं. ऐसे कर्मियों से तरसकर दुखी मन से कुलपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पटना नाउ ने जब देर शाम कुलपति महोदय से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह छात्र के नाम पर छात्र बनकर मिलने वाले वाले बिचौलियों और भ्रष्ट कर्मियों से परेशान हैं. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छात्रों और छात्र संगठन के नेताओं से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. दिक्कत करने वाले वह बिचौलिए हैं जो छात्र और छात्र नेता का चोला पहनकर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की गंगा बहा रहे हैं.
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब वह किसी तरह का भ्रष्टाचार खुद नहीं करते तो दूसरे की क्यों सुने, लेकिन विश्वविद्यालय में तो उल्टा ही है भ्रष्टाचार की गंगा इस कदर व्याप्त है कि कुलपति की भी अनदेखी की जाती है तो फिर ऐसे परिवेश में इस पद पर बने रहना या ना रहना समान है. इस्तीफा नामंजूर होने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि अभी इस बारे में उन्हें आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है या राजभवन से किसी तरह का कोई संदेश नहीं मिला लेकिन टेलीविजन न्यूज़ चैनलों के माध्यम से उन्होंने उन्होंने इस्तीफा नामंजूर होने की खबर देखी है. पटना से उन्होंने कहा कि वह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए काम करना चाहते हैं बस जरूरत है अगर लोगों लोगों का सहयोग और पारदर्शिता की. माहौल अच्छा मिले तो वह हमेशा इस कार्य के लिए तैयार हैं.
आरा से ओपी पांडे