हमारे पास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का दूसरा सबसे बड़ा पूल हैं
गांव और किसान तक लाभ पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है
भारत में राज्यों और केंद्र के संयुक्त प्रयास मेक इन इंडिया के लिए बहुत द्वार खोल चुके हैं
वाइब्रेंट गुजरात के में भाग लेने पहुंचे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ‘भारत दुनिया की सबसे अधिक डिजिटलीकृत अर्थव्यवस्था बनने की दहलीज पर खड़ा है. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच भारत अपनी ऊंची आर्थिक वृद्धि के साथ सबसे आकषर्क स्थल है’.पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि मैं इस समिट में शिरकत करने पर आप सभी का स्वागत करता हूं. मैं सहयोगी राष्ट्रों को धन्यवाद देता हूं. आपके सहयोग के बिना यह कार्यक्रम इतना सफल नहीं हो पाता. यह साल 2003 के बाद से एक बहुत ही सफल शिखर सम्मेलन है’.
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा और जापान का विशेष आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि ‘करीब 100 कंपनियों ने अपने उत्पाद एवं सेवाओं को पेश किया है. गुजरात महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि, व्यापार की भी भूमि है. यह कहा जाता है कि लोकतंत्र शीघ्र परिणाम और सुशासन नहीं प्रदान कर सकता, लेकिन हमने पिछले ढाई साल में देखा है कि यह संभव है’.प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संस्थान और स्कॉलर्स दुनियाभर में पहचाने जाते हैं. भारत अनुसंधान और विकास का हब है. हमारे पास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का दूसरा सबसे बड़ा पूल हैं. भारत में राज्यों और केंद्र के संयुक्त प्रयास मेक इन इंडिया के लिए बहुत द्वार खोल चुके हैं.पीएम ने कहा कि ‘मैं गुजरात सरकार का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने उन्नत नीतियों के आधार पर विदेशी निवेश को आकर्षित किया है. हमारी नीतियों का लाभ गांव और शहर दोनों को समान रूप से मिले. गांव और किसान तक लाभ पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है. हमारा विकास एजेंडा महत्वाकांक्षी है. हर गरीब के पास साल 2020 तक अपना घर होना चाहिए. हम यह लक्ष्य लेकर चल रहे हैं’.
‘हाथ में हुनर और काम के अवसर हों तो हम एक नया हिंदुस्तान बनाकर खड़ा कर देंगे. अर्थव्यवस्था के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव लाना हमारा सपना और उद्देश्य है. भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के इंजन के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है, कारोबार में सुगमता पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है. भारत को कारोबार के लिए सबसे आसान जगह बनाने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को हम सरल बना रहे हैं. पिछले दो वित्त वर्ष में एफडीआई उससे पिछले के दो सालों की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक रहा. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत एफडीआई हासिल करने वाला एक प्रमुख देश है’.