आत्मविश्वास का संचार करना सबका काम
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में हुआ कार्यक्रम का आयोजन
3 दिसंबर, 2024 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस के मौके पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में एक गोष्ठी सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इसमें दिव्यांग प्रक्षेत्र में श्रेष्ठ काम करनेवाले दिव्यांगजनों और संस्थाओं को सम्मानित किया गया. प्रसिद्ध समाजसेविका पद्मश्री सुधा वर्गीज ने इन्हें सम्मानित किया.सम्मान स्वरूप इन्हें शाल, मोमेंटो, बुके प्रदान किए गए.
इस अवसर पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत, सदस्य पी. एन. राय, सदस्य ई. नरेंद्र कुमार सिंह, सदस्य प्रकाश कुमार, प्राधिकरण के सचिव मोहम्मद वारिस खान (भा.प्र.से.), माननीय उपाध्यक्ष के विशेष कार्य पदाधिकारी मोइज उद्दीन भी मौजूद थे. मंच संचालन संदीप कमल ने किया. गौरतलब है कि दिव्यांगजन समायोजित आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्द्धन कार्यक्रम प्राधिकरण का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है. इसके तहत राज्य भर के दिव्यांगजनों को आपदाओं में सुरक्षित रहने की जानकारी दी जाती है. दिव्यांगजनों को मुख्य धारा में लाने और उनमें आत्मविश्वास का संचार करना भी इस कार्यक्रम का एक लक्ष्य है.
सम्मानित किए गए लोगों का विवरण निम्नलिखित है :
1.ज्योति सिन्हा- ग्राम चंगेल, प्रखंड कटरा, जिला मुजफ्फरपुर निवासी मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में सिद्धहस्त कलाकार हैं. पिछले वर्ष महामहिम राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं . बिहार सरकार ने भी कला पुरस्कार से सम्मानित किया है. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित है. पांच भाई-बहनों में ज्योति के तीन भाई-बहन इस बीमारी से ग्रसित होकर दिव्यांगता के शिकार हो चुके हैं. ज्योति हिंदी साहित्य में पी.एच.डी. कर रही हैं.
2 अमीषा प्रकाश- राजेद्र नगर, पटना की रहने वाली हैं. मूक-बधिर इस छात्रा ने खेल जगत में बिहार का नाम रौशन किया है. राष्ट्रीय पैराएथलेटिक चैंपियनशिप की गोल्ड मेडलिस्ट हैं. अमेरिका सहित कई देशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है. आपको फुटबॉल व बैडमिंटन दोनों खेल में अपने वर्ग में महारत हासिल है. पटना में संपन्न 42 किलोमीटर की मैराथन अमीषा ने पांच घंटे में पूरी की हुई है.
3.सिस्टर लिसी -आशादीप दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, दीघा, पटना की प्राचार्या हैं. यहां सैकड़ो मूक-बधिर छात्र-छात्राओं को शिक्षित करने का काम कर रही हैं और प्राधिकरण के दिव्यांगजन कार्यक्रम में प्रारंभ से ही सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है.
4.अनुषा कुमारी- अंतरज्योति नेत्रहीन बालिका विद्यालय, कुम्हरार पटना की शिक्षिका हैं. इस संस्थान में दर्जनों दृष्टिबाधित बच्चियां अध्यनरत हैं. अनुषा कुमारी का सहयोग प्राधिकरण के दिव्यांगजन कार्यक्रम में सक्रिय रूप से प्राप्त होता है.
5.विवेक माथुर- प्रबंध न्यासी, भारत विकास विकलांग पुनर्वास केंद्र एवं संजय आनंद विकलांग अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर, पहाड़ी पटना. इस संस्था ने अब तक 50,000 से ज्यादा दिव्यांगजनों को कृत्रिम उपकरण सौंपे हैं. शल्य चिकित्सा द्वारा दिव्यांगता को दूर किया है.
6.प्रेरणा कुमारी- दृष्टिबाधित हैं. पटना जिले के धनरूआ में प्लस-2 विद्यालय में शिक्षिका हैं. दिव्यांगता इनकी राह में रोड़े न अटका सकी. इसी वर्ष इन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद शिक्षिका के रूप में योगदान दिया.