प्री-पीएचडी के सारे विषयों के प्रश्न पत्र अंग्रेजी में बंटे
छात्रों ने किया हंगामा
पढ़ाई के लिए नाम हो या न हो लेकिन विवादों के लिए जाना जाता है तो वो है वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय . जो एक बार फिर से हंगामे के कारण सुर्ख़ियों में रहा. प्री-पीएचडी में प्रश्न-पत्र अंग्रेजी में थे. इस लिए छात्रों ने जम कर हंगामा किया. तमाम विषय के प्रश्न-पत्र सिर्फ अंग्रेजी में ही मिले तो छात्र भड़क गए. विश्वविध्यालय की गलतियों का खमियाजा छात्रों को भुगतना पड़ना रहा है. परीक्षा प्रारम्भ होने से ठीक पहले विवि ने घोषणा कर दिया कि पहली पाली की परीक्षा कैंसिल की जाती है उसके बाद जबरदस्ती परीक्षा लिया जाने लगा.ऐसी घटनाओं के कारण इनदिनों सुर्ख़ियों में है VKSU. जी हां परीक्षा में चोरी के लिए, डिग्रियों के मानकता के लिए या फिर भोजपुरी की पढ़ाई बंद करने के लिए विश्व में चर्चा हो, तो VKSU हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. अभी दो दिन पहले ही पीजी में 40 अवैध नामांकन का मामला शांत नहीं हुआ था कि आज प्री-पीएचडी के परीक्षा में सभी विषयों के प्रश्न-पत्र को अंग्रेजी में बांटना ही हंगामे की भेंट चढ़ गया. परीक्षार्थियों ने केवल अंग्रेजी में प्रश्न-पत्र पाते ही परीक्षा का वहिष्कार कर दिया. लेकिन कुछ शिक्षकों ने समझा बुझा कर उन्हें परीक्षा के लिए पुनः मना लिया. जबकि अन्य वापस चले गए.
इस मामले में जब परीक्षा नियंत्रक प्रसुन्नजय सिन्हा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि केवल भाषा को छोड़ किसी अन्य विषय का प्रश्न-पत्र अंग्रेजी में ही दिया जाता है. हालांकि इसके पहले हिंदी और अंग्रेजी दोनों में सभी विषय के प्रश्न-पत्र दिए जाते थे, लेकिन इस साल से इसे बदला गया है क्योंकि पीएचडी के सारे विद्यार्थियों को सबकुछ अंग्रेजी में ही पढ़ना होता है. अब ऐसे में अगर कोई हिंदी में प्रश्न की डिमांड करे तो ये हास्यास्पद लगता है. जिनको नहीं पढ़ना है वो ऐसे हंगामे करते हैं. जो चोरी से पास करके डिग्री लेते हैं वो ही ऐसी बात करते हैं.
कुलपति ने कहा पहली बार नेट के सिलेबस पर हो रही है परीक्षा
VKSU के कुलपति लीलाचंद साहा से इस बाबत जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसके पूर्व विवि परीक्षा कंडक्ट करता था लेकिन इस बार नेट के सिलेबस पर आधारित परीक्षा हो रही है इसलिए केवल अंग्रेजी में प्रश्न-पत्र बाँटे गए हैं. उन्होंने परीक्षा में वंचित छात्रों के सवाल पर इंकार किया और कहा कि अर्थशास्त्र विभहाग में मैंने खुद शिक्षक से सारे प्रश्नों के अर्थ हिंदी में अनुवाद करवा कर परीक्षार्थियों को बता दिया है. चुकि पूरी थीसिस अंग्रेजी में लिखनी होती है इसलिए हिंदी में प्रश्न-पत्र पर बहस बेमानी लागती है.
रिपोर्ट -आरा से ओ पी पांडेय