स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाने की घोषणा नही करने से थे नाराज छात्र
प्रभारी कुलपति ने कहा 5 फरवरी को करेंगे मूर्ति लगाने की सार्वजनिक घोषणा
आरा. विवेकानंद जयंती शनिवार को विभिन्न संगठनों सहित विश्वविद्यालय में भी विवेकानंद की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में हर वर्ष विभिन्न संगठन मनाते रहे है. युवाओं के लिए आदर्श के रूप में माने जाने वाले विवेकानंद की जयंती कुछ खास थी क्योंकि पूर्व से ही इस निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस वर्ष वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति नंदकिशोर साह विवि कैम्पस में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा लगाने की घोषणा करने वाले थे, लेकिन घोषणा तो दूर जब वे इस कार्यक्रम में ही अनुपस्थित हुए तो छात्रसंघ अध्यक्ष अमित कुमार सिंह और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्रभारी कुलपति को उनके चैंबर में 4 घंटे तक बंधक बनाया.
छात्रसंघ अध्यक्ष का आरोप है कि प्रभारी कुलपति हर बार अपने वादे से मुकर जाते हैं. पहले से तय किए कार्यक्रम के बाद भी वे विवेकानंद जैसे आदर्श पुरुष जो युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है उनकी मूर्ति विश्वविद्यालय में लगाने की घोषणा करने नहीं आना उनकी नीयत को दर्शाता है. छात्र अध्यक्ष ने कहा कि इस मूर्ति के लिए छात्रसंघ कोष से ही राशि देने की उन्होंने बात कही थी. विश्वविद्यालय से कोई अतिरिक्त राशि की डिमांड नहीं की गई थी बावजूद इसके कुलपति को घोषणा करना नागवार गुजरा और वे कार्यक्रम में ही नहीं आए. इसी बात से गुस्साए छात्रों ने उन्हें उनके चेंबर में घंटों बंद कर दिया.
4 घंटे बाद बीसी ने थाने को फोन कर पुलिस बल मंगाया जिसके बाद पुलिस ने प्रशासकीय भवन के बाहर का एक ताला तोड़ दिया. लेकिन जैसे ही अंदर का ताला तोड़ने लगे छात्र अध्यक्ष अमित सिंह पुलिस से भिड़ गए और उन्होंने अपनी जान जाने के बाद ही ताला तोड़ने की बात कह दी. अमित ने केवल छात्रों पर पुलिस द्वारा मनमानी करने का आरोप लगाया और पुलिस से कहा कि आपसब कुलपति को क्यों नही समझाते? काफी देर तक चले मान-मनौवल का ड्रामा चलता रहा दोनों पक्ष वार्ता को राजी नहीं थे. न तो कुलपति गेट पर आकर आंदोलनकारियों से वार्ता को राजी थे और ना ही आंदोलनकारी उनके चेंबर में जाकर उनसे वार्ता. काफी कोशिश के बाद पुलिस प्रशासन ने गेट का ताला खुलवा कर दोनों पक्षों की वार्ता कराई. जहां घंटे भर आरोप-प्रत्यारोप के चलते गहमागहमी का माहौल कायम रहा. अंततोगत्वा प्रभारी कुलपति ने आगामी 5 फरवरी को विवेकानंद की मूर्ति विश्वविद्यालय में स्थापित करने के लिए राजी हुए. उन्होंने बताया कि वे कई कामों के क्रियान्वयन में व्यस्त थे जिसकी वजह से विवेकानंद जयंती पर विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए, जिससे घोषणा अधूरी रह गई. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगाने के लिए छात्रों द्वारा या प्रयास सराहनीय है लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं होना कोई राजनीति नहीं बल्कि समयाभाव था. वार्ता में शामिल लोगों में छात्रसंघ अध्यक्ष अमित कुमार सिंह, एबीवीपी नेता के.डी सिंह, तुषार कुमार बिट्टू कुमार सहित कई लोग थे.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट