सोशल मीडिया में पाकिस्तान को लेकर पूछे जा रहे हैं प्रश्न
प्रधानमंत्री जी करेंगे क्या ?
उरी की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सरकार की जन कर खिंचाई हो रही है सभी पाकिस्तान समर्थित आतंक की निंदा कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हो या कोई भारतवासी सभी पाक की इस कार्रवाई का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.पाकिस्तान के झंडे जलाए गए विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो चुके है सबकी एक ही मांग है पाकिस्तान को जवाब दो.बार बार के कायरता पूर्ण कार्रर्वाई से अब लोगों में गुस्सा उबाल ले रहा है,बिहार ने 17 सपूत खो दिए है उनके पार्थिव शरीर आज वाराणसी से उनके घरों को जा रहे है मातम का माहौल इन गांवों में और दानापुर छावनी में पसरा है.आज दिल्ली में इस घटना को लेकर हाई लेवल मीटिंग हुई जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ सेना के आलाधिकारी भी मौजूद थे.
क्या है घटना
भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने रविवार के अहले सुबह लगभग 05.30 बजे कश्मीर के उरी में भारतीय सेना की एक यूनिट के एक प्रशासनिक बेस पर गोलीबारी शुरू कर दी आतंकवादियों और सेना के बीच लगभग 08.30 बजे तक गोलीबारी जारी रही जिस दौरान चार आतंकवादी मारे गए. मारे गए सभी चार आतंकवादी विदेशी नागरिक थे और उनके पास पाकिस्तान के निशान वाली कुछ वस्तुएं थी. प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि मारे गए आतंकवादी जैश ए मुहम्मद तंजीम से जुड़े थे। उनके पास से चार ए.के. 47 राइफल्स एवं बड़ी मात्रा में अन्य युद्ध जैसे स्टोर्स के साथ-साथ चार अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर्स बरामद किए गए.
आतंकवादियों ने आग लगाने वाले गोला-बारूद तथा छोटे हथियारों के ऑटोमेटिक फायर के साथ हमला किया जिससे सेना के तंबुओं/अस्थाई रक्षा स्थानों में आग लग गई. परिसर में स्थित तंबुओं में अतिरिक्त टुकड़ियां थीं जिन्हें यूनिटों के रूटीन टर्न ओवर के कारण नियुक्त किया गया था. कुल मिलाकर 17 जवानों की मौत हो गई. इनमें से 13 से 14 मौतें इसलिए हुईं क्योंकि इन तंबुओं/अस्थाई रक्षा स्थानों में आग लग गई. मैं यहां बताना चाहूंगा कि क्षेत्र को खाली करने का कार्य अभी भी प्रगति में है और उरी में सैन्य परिसर के आसपास के समस्त क्षेत्र में बहुत विस्तृत रूप से खोज की जा रही है. इसलिए ऑपरेशन के संपूर्ण विवरण अभी तक उपलब्ध नहीं हैं. बहरहाल, भारतीय सेना द्वारा बहुत पेशेवर तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है और भारतीय जवानों ने आतंकवादियों को काबू करने में असाधारण रूप से और बहादुरी के उच्च मानदंड़ों का परिचय दिया है.
चूंकि आतंकवादियों से प्राप्त वस्तुओं में पाकिस्तान की मुहर लगी थी, मैंने पाकिस्तान के डीजीएमओ से बात की है और इस विषय पर अपनी गंभीर चिंताओं से उन्हें वाकिफ कराया. मैं यह भी बताना चाहूंगा कि सभी खुफिया एजेंसियां सुरक्षा बलों के साथ घनिष्टता पूर्वक मिलकर कार्य कर रही हैं और संबंधित एजेंसियों से नियमित रूप से खुफिया इनपुट प्राप्त हो रहे हैं तथा उसी के अनुरूप आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. सीओएएस ने ऑपरेशन के स्थल का निरीक्षण किया है और स्थिति का “जमीनी” आकलन किया है. हम भारतीय सेना के सर्वोच्च परंपराओं का पालन करते हुए अपने बहादुर जवानों द्वारा की गई इस सबसे बड़ी कुर्बानी पर उनका नमन करते हैं. आखिर में, मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारतीय सेना दुश्मनों के किसी भी बुरे इरादे को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार है और उनके हर नापाक कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.