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उपेंद्र कुशवाहा का टूटा कुनबा, RLSP के नेताओं ने थामा नीतीश का दामन

जदयू के प्रदेश सचिव धीरज कुशवाहा ने संभाला RLSP नेताओं की बागडोर

पटना,22 फरवरी(ओ पी पांडेय). उपेंद्र कुशवाहा ने जद यू का दामन छोड़ नई पार्टी बनाने का एलान किया किया कि पुराने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुट हो एक नई रणनीति छेड़ दी. उनके व्यक्तिगत फैसले में RLSP में समय देने वाले लोग काफी आहत हैं जिसके कारण उन्होंने एक जुट हो CM से मुलाकात कर उन्हें समर्थन देने का फैसला लिया और अपनी भूमिका कुश यानि छोटे भाई की तय की है.




उपेंद्र कुशवाहा के जदयू छोड़ने के फैसले से RLSP में रहे कई वरिष्ठ नेता, प्रत्याशी और समर्थक आहत हुए थे, मगर उपेंद्र कुशवाहा ने इनकी बातों को नज़र अंदाज करते हुए अपनी राजनीतिक महत्वकांछाओं के लिए जदयू से अलग हो कर अपनी पार्टी बनाने का फैसला किया. जिस बात से नाराज RLSP में रहे कई वरिष्ठ नेताओं ने जदयू के प्रदेश सचिव धीरज कुशवाहा के नेतृत्व में जदयू के साथ रहने का फैसला किया और आगे नीतीश कुमार के विचारों पर अमल करते हुए बिहार में लव-कुश समीकरण को और मजबूत करने का संकल्प लिया.

जदयू के प्रदेश सचिव धीरज कुशवाहा के साथ रालोसपा के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रत्याशी, सीएम नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात करने उनके 7 सर्कुलर रोड आवास पहुंचे जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया और पार्टी में बेहतर काम करने के लिए शुभकामनाएं दीं. इस मुलाकात में रालोसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और दिनारा से विधानसभा प्रत्याशी रहे राजेश कुशवाहा, प्रदेश महासचिव और पश्चिमी चंपारण से लोकसभा प्रत्याशी रहे बृजेश कुशवाहा , पटना के जिला अध्यक्ष रहे चंदन कुशवाहा, प्रदेश उपाध्यक्ष और कुढ़नी से प्रत्याशी रहे रामबाबू कुशवाहा , योगापट्टी से प्रत्याशी रहे सुनील कुशवाहा, प्रदेश महासचिव रहे विपिन कुशवाहा और दीपक कुशवाहा उपस्थित रहे. जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी और संजय गांधी जी ने रालोसपा के वरिष्ठ नेताओं का जदयू में स्वागत किया.

सीएम नीतीश से मिलने के बाद धीरज कुशवाहा ने कहा कि बिहार में लव-कुश समीकरण एकजुट है, जो विकास पुरुष माननीय नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास के लिए काम करना चाहता है. कुछ लोग अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बिहार में राजनीतिक अस्थिरता लाना चाहते हैं, जिनको बिहार की जनता ने नकार दिया है. बिहार के कुशवाहा समाज के साथ राय मश्वरा करने के बाद रालोसपा नेताओं ने जदयू में शामिल होने का फैसला किया और आगामी चुनावों में लव-कुश समीकरण को और मजबूत कर राजनीतिक परिणाम दिखाने की ओर सार्थक प्रयास करने का संकल्प लिया.

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