तिरंगा उल्टा फहरा कर किया गया अपमान तो विवि में जूता पहने ही चढ़ गए झंडे के आधार स्तम्भ पर
आरा, 26 जनवरी. तिरंगा जिसके लिए जान की बाजी लगा देता है एक भारतीय. चाहे वो सिपाही हो या नागरिक. एक भारतीय का गर्व है तिरंगा. लेकिन जब अपने ही इस तिरंगे की शान को भूल जाएं तो? 26 जनवरी को कुछ ऐसा ही घटा भोजपुर जिले में दो जगहों पर शिक्षा जगत से ही जुड़े लोगों ने तिरंगे का अपमान कर दिया. शिक्षा की ज्योति जगाने वाले स्कूल और विवि में घटी इस शर्मनाक के बाद लोगों में चर्चा है कि शिक्षकों को अब तिरंगे के सम्मान का ही जब ध्यान नही तो भला कौन सी शिक्षा बच्चों को देगें?
भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड अंतर्गत जैतपुर मठिया गांव स्थित प्राथमिक विधालय में 69 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगे को उल्टा फहराने का मामला सामने आया है. तिरंगा उल्टा फहराने की खबर जब ग्रामीणों को लगी तो लगभग एक घंटे बाद पुरे गांव ने इक्कट्ठा हो इसका विरोध किया. तिरंगे के अपमान की शिकायत ग्रामीणों ने जब स्कुल के प्रधानाध्यापक विजय त्यागी ने की तो उन्होंने कहा कि जाओ जिसको जो करना है कर लो. किसी से कुछ नहीं होने वाला नहीं है. गांव के लोगों ने इस घटना को पंचायत के मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को बताया. इस बात की खबर मिलते ही जनप्रतिनिधियों ने भी ऐतराज जताते हुए कहा कि यह तो हमारे देश की शान तिरंगे की अपमान है. उल्टा झण्डा फहराने के बाद गलती मानने की जगह और अकड़ कर कार्रवाई करने के लिए ललकारने वाले शिक्षक पर कारवाई होनी चाहिए. मुखिया प्रतिनिधि भूषण यादव, पंचायत समिति प्रतिनिधि अर्जुन यादव सहित कई ग्रामिणों ने इस कृत्य का वीडियो वायरल कर आरोपी शिक्षक पर कारवाई की गुहार लगाई है. अगर शिक्षक हीं इतनी बडी गलती करेगें तो बच्चे कैसे आगे बढेगें.
वही एक दूसरी घटना भी तिरंगे से जुड़ी जिला मुख्यालय के VKSU से है. VKSU कैम्पस में झंडोतोलन के दौरान एक शिक्षक झंंडे के नीचे बने बेस(आधार स्तम्ब्भ) जो तीन रंगों(केसरिया, उजला और हरा) से रंगा हुआ था, उस पर जुता पहने ही चढ़ गए.विश्वविद्यालय के कुलपति और अधिकारियों के सामने ही झंडोतोलन के समय सैकड़ों छात्रों और शिक्षकों के बीच इसतरह झंडा का अपमान किया. इतना ही नही विवि कैम्पस में स्थित बाबू कुँवर सिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण के लिए VC डॉ सैय्यद मुमताजुद्दीन के साथ कई प्रोफेसर और विवि पदाधिकारी जूता पहने ही मूर्ति पर चढ़ माल्यार्पण किया. बाद में एक शिष्ट व्यक्ति की नजर पड़ी तो उन्होनें सबकी क्लास लगायी. वो तो भला हो सभी का किसी कैमरे में ये सब रिकॉर्ड नही हुआ वरना सोशल मीडिया पर वायरल हो जाता. हालांकि इसके अतिरिक्त्त दोनों घटनाओं का वीडियो सोशल ग्रुप में रात तक वायरल हो गया.
सवाल यह है कि जो शिक्षक छात्रों को अनुशासन सिखाते हैं, वही शिक्षक छात्रों के सामने ही इस तरह गैरजिम्मेदार और अनुशासनहीनता का कार्य करने लगें तो फिर नई पीढ़ी के बच्चे क्या करेंगे. भाई साहब कभी जूते को भी खोल लीजिये, इससे इज्जत घट नही जाएगी.
आरा से ओ पी पांडेय के साथ जय प्रकाश सिंह की रिपोर्ट