वाराणसी,1 फरवरी. गुरुवार को प्रातः 9:00 बजे काल भैरव मंदिर के सिद्ध योगी रूपनाथ जी 1820 गंडमाला जनक के सरपौत्र योगी प्रकाश नाथ योगेश्वर के काल भैरव स्थित आवास पर मां कामाख्या त्रिशक्ति धाम की महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 साध्वी संजनानंद गिरी को अंग वस्त्र धारण करवा कर एवं उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया. इस अवसर पर महामंडलेश्वर साध्वी ने भी योगी योगेशवर को मां कामाख्या की चुनरी प्रदान कर उन्हें अपना आशीष प्रदान किया.




इस अवसर पर काशी के प्रकांड विद्वान एवं महान विभूति पूर्व न्यास अध्यक्ष अशोक द्विवेदी का भी माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर धर्म के उत्थान हेतु एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में महामंडलेश्वर साध्वी संजनानंद ने धर्म के नाम पर भ्रमित करने वाले विचारों से सावधान रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि धर्म और राष्ट्र को यदि मजबूत करना है तो सनातन मान्यताओं का सम्मान करते हुए राष्ट्रीय धर्म का पालन करते हुए चलना पड़ेगा. क्योंकि जब राष्ट्र बलवान होता तो ही धर्म बलवान व सुरक्षित होता है.

इस अवसर पर आचार्य अशोक द्विवेदी ने कहा कि काशी विश्व की आध्यात्मिक और धार्मिक राजधानी है. इसके परिणाम स्वरुप हम काशी वासियों की जिम्मेदारी और स्थान के नगर वासी के अपेक्षा कई गुना बढ़ जाती है. काशी वासियों के द्वारा किया गया आचरण पूरे राष्ट्र एवं समाज में सभी को स्वीकार करने का एक आह्वान सा होता है. इसलिए काशी वासियों को अपने विचारों और व्यक्तित्व में चरित्रात्मक और गुणात्मक निखार सदैव करते रहना चाहिए.

इस अवसर पर योगी योगेश्वर ने कहा कि संत का सम्मान और सनातन का सम्मान राष्ट्र के स्वाभिमान को बढ़ाता है इस अवसर पर संजय तिवारी,बनारसी लाल,चंदन विश्वकर्मा, मोल महाराज,प्रेमनाथ, राजीव कुमार सहित अनेक लोग उपस्थित थे. सभा का अंत भारत माता की जय, हर हर महादेव व जय श्री राम के नारों से एक दूसरे को अभिवादन के साथ हुआ.

PNCB

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