भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने रिलायंस जियो से पूछा है कि उसके द्वारा मुफ्त वॉइस और डाटा प्लान की पेशकश के विस्तार को क्यों न मौजूदा नियमनों का उल्लंघन माना जाए. इसकी वजह यह है कि प्रचार या प्रमोशन से जुड़ी पेशकश की अवधि 90 दिन की होती है. मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी ने अपनी 90 दिन की वेलकम योजना 3 दिसंबर को बंद होने से पहले मौजूदा तथा नए ग्राहकों के लिए ‘हैपी न्यू इयर ऑफर’ की पेशकश की थी.
उसके बाद ट्राई ने कंपनी को नोटिस भेजा. नियामक द्वारा 20 दिसंबर को लिखे गए पत्र में कंपनी से पूछा गया है कि प्रमोशनल योजना के तहत फ्री डाटा की पेशकश को क्या न बाजार बिगाड़ने वाला माना जाए. इस बारे में संपर्क किए जाने पर रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने कोई टिप्पणी नहीं की. मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नियामक ने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या 18 दिसंबर तक 6.3 करोड हो गई है और कंपनी जल्द ब्रॉडबैंड क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी होगी. एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्राई के साथ बैठक में जियो ने कहा कि नई ‘हैपी न्यू इयर’ पेशकश जियो वेलकम ऑफर से पूरी तरह अलग है.
शुरुआती पेशकश में 4जीबी डेटा प्रतिदिन मुफ्त उपलब्ध कराया गया था. नई पेशकश में यह सीमा उचित इस्तेमाल नीति के तहत 1जीबी तय की गई है. इसके अलावा कंपनी ने दलील दी है कि पहली पेशकश में 4जीबी की सीमा समाप्त होने के बाद नवीकरण या भुगतान का विकल्प नहीं था, जबकि नई पेशकश में डेटा का रिचार्ज किया जा सकता है.