पटना।। पर्यटन विभाग द्वारा बिहार में पहली बार पर्यटन के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए आयोजित दो दिवसीय Travel & Tourism Fair “यात्रा एवं पर्यटन मेला” की शुरुआत शनिवार को हुई. उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने पटना के ज्ञान भवन में मेला का उद्घाटन किया.
यात्रा एवं पर्यटन मेला में उपमहाद्वीप के कई देशों समेत देश के 7 प्रमुख राज्यों के प्रतिनिधिगण और बिहार के यात्रा व होटल व्यवसाय तथा पर्यटन संघ के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
इस मेले का उद्देश्य बिहार में अधिकाधिक संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु पर्यटन क्षेत्र में संलग्न उद्यमियों व संगठनों का विभाग के साथ समन्वय स्थापित करना और अन्तर्गामी कौशल विकास हेतु एक उच्चस्तरीय मंच उपलब्ध करवाना है.
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पूरे राज्य के लिए हर्ष का विषय है कि विभाग के प्रयास से इस वर्ष बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या पिछले वर्षों के मुकाबले रिकॉर्डतोड़ करोड़ों की बढ़ोतरी के साथ लगभग दुगनी 5 करोड़ 83 लाख पर्यटक हो गई है. इसके लिए सभी बिहारवासी भी बधाई एवं धन्यवाद के पात्र हैं.
धार्मिक पर्यटन से बेहतर होगी राज्य की टूरिज्म इकॉनमी
इस मौके पर पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. पर्यटन विभाग इस पर गंभीरता से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई धार्मिक सर्किट हैं. समृद्ध धरोहर व इतिहास है.
उन्होंने कहा कि बिहार ने सिद्धार्थ को बुद्ध बनाया. यहां महावीर ने जैन धर्म को स्थापित किया. सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म यहां हुआ. सनातन धर्म में माता सीता का जन्म हुआ. गया जी जहां सभी हिन्दु धर्म के लोग जरूर पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी चीजों से हम कैसे लोकल इकोनामी को बढ़ाएं, इस पर काम कर रहे हैं. जगजोत सिंह, सेक्रेटरी, गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब ने कहा कि सिख सर्किट ने सिख सर्किट पर काम करने की जरूरत है. अभी सिर्फ पटना साहिब ही लोग आते हैं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोग राजगीर में शीतलकुंड गुरुद्वारा का विकास किया गया है जिससे आज वहां भी सिख पर्यटक पहुंच रहे हैं. यहां आने वाले पर्यटकों के लिए अगर सरकार के द्वारा आवासन की बेहतर सुविधा कराई जाए तो यहां लोग रूकेंगे भी.
पीपी खन्ना, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया ने कहा कि बुद्धस्ट सर्किट को हमलोग विदेशों में बता सकते हैं. सिख सर्किट को दूसरे देशों में बिहार के संदर्भ में बताने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यहां आने वाले बुद्धस्ट पर्यटकों को सबसे अधिक शौचालय आदि समस्या होती है जब वे पैदल यात्रा पर होते हैं इस पर विभाग को ध्यान देने की जरूरत है. पर्यटन विभाग को प्रकाश पर्व के दौरान आईआरसीटीसी से बातकर स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की बात करनी चाहिए.
अरुण कुमार यादव, सहायक प्राध्यापक, नालंदा महाविहार यूनिवर्सिटी ने कहा कि बुद्धिस्ट टूरिज्म पर यहां अच्छा काम हो सकता है. भगवान बुद्ध से जुड़े बिहार में कई स्थल हैं जिसके बारे में बताकर हम विदेशी पर्यटकों को यहां अधिक समय गुजारने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. बुद्ध के संबंध में जो चीजें हमारे यहां है उसे हम दिखा नहीं पाते हैं. जेटियन वाक में तीन सौ विदेशी हर साल एक निश्चित समय पर आते हैं. इस बुद्धिस्ट सर्किट पर नालंदा महाविहार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
जल्द ही आएगी ईको टूरिज्म पॉलिसी: वंदना प्रेयसी
बिहार में ईको टूरिज्म की काफी संभावनाएं है. यह सामान्य पर्यटन से भले अलग है लेकिन प्रकृति एवं पर्यावरण के बेहद करीब है. यह खुशी की बात है कि इन दिनों नई पर्यटन नीति व ईको टूरिज्म पॉलिसी एक साथ बन रही है. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और पर्यटन विभाग शीघ्र ही एक एमओयू करेगा जिससे ईको टूरिज्म और बेहतर हो सके.
उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में भीम बांध, खड़गपुर झील, काकोलत जलप्रपात, नागी नक्टी डैम, कुशेश्वर झील, कांवर झील, बरैला झील और तुतला भवानी जलप्रपात जैसी प्राकृतिक पर्यटन संपदाएं हैं, जिससे बिहार का पर्यटन और समृद्ध हो सकता है. ये बातें वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की प्रधान सचिव वंदना प्रेयसी ने बिहार में विशिष्ट पर्यटन की संभावनाएं विषय पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कही. कार्यक्रम में पर्यटन विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि राजगीर, नालंदा और वीटीआर के विकास के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. पर्यटन निगम के महाप्रबंधक श्री नंदकिशोर ने सभी सुझावों पर अमल करते हुए बेहतर पर्यटन संस्कृति विकसित करने पर बल दिया.
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