तो क्या भ्रष्टाचारियों की उड़ा देगी नींद, मेयर पद पर खड़ी ये उम्मीदवार !

फोकस शिक्षा और भ्रष्टाचार पर, काम विकास पर !

आरा, 25 सितंबर. आरा शहर में मेयर चुनाव को लेकर एक से एक दिग्गज और धन बल से लबरेज लोग इस बार चुनावी मैदान में हैं. लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे भी प्रत्याशी मैदान में हैं जो बेहद ही जमीनी और मजबूत प्रत्याशी हैं और इनके इरादे और विजन भी इतने ही मजबूत और नेक हैं जितने ये. ऐसे ही प्रत्याशियों में एक हैं 15 सालों तक देश की राजधानी दिल्ली में शिक्षिका रहीं रेखा तिवारी.




अपनी सुनहरी सोच, स्पष्ट बात और बेवाकी से जवाब देने का अंदाज उन्हें मैदान में खड़े बाकि प्रत्याशियों से अलग रखता है. पटना नाउ ने जब रेखा तिवारी से मिलकर उनसे मेयर बनने की वजह पर जब बात की तो उन्होंने अपने विजन गिनाते हुए बातें इतनी स्पष्टता से की, कि सारे सवाल धुंधले पड़ गए और ऐसा प्रतीत हुआ कि आरा को ऐसे ही मेयर की जरूरत है. बातों ही बातों में उन्होंने कहा उनकी पहली प्राथमिकता शिक्षा ही रहेगी खासकर आंगनबाड़ी केंद्र. वे खुद सभी केंद्रों पर जाकर पढ़ाई का मूल्यांकन करेंगी. इसके बाद दूसरा टारगेट होगा भ्रष्टाचार का खात्मा. इसके लिए एक स्टिंग ऑपरेशन की टीम होगी जो समय-समय पर स्टिंग करेगी. साथ ही शहर में हर उस जगह पर CCTV कैमरे लगेंगे जहाँ अभी नही है, जहाँ बच्चे या युवा नशा करते हों, किसी को छेड़ते हों. बुजुर्गों के इलाज के लिए एक टीम होगी जो उन्हें या तो घर आकर इलाज कर दे या फिर कोई उन बुजुर्गों को घर से उठाकर इलाज के लिए ले जाये और फिर वापस छोड़ आये. अपने कॉन्फिडेंस के साथ फर्राटे से बोलतीं रेखा तिवारी औरतों की वह सशक्त आवाज दिखीं जिसे किसी पति या पुरूष के सहानुभूति या कंधों का सहारा नही बल्कि अपने बदौलत हर काम को मुकम्मल करा सकती हैं.

कौन है रेखा तिवारी ?

रेखा तिवारी, आरा शहर की बेटी और बहू दोनों हैं. ये सेवा निवृत्त वायुसेना अधिकारी राजनाथ तिवारी की सुपुत्री और शहर के चर्चित डॉ० जितेन्द्र शुक्ल (पूर्व निगम पार्षद सह समाजसेवी ) मेयर प्रत्याशी , की पत्नी हैं.
शैक्षणिक योग्यता पर यदि ध्यान दें तो इन्होंने प्रथम वर्ग से लेकर इन्टरमीडिएट विज्ञान केन्द्रीय विद्यालय से , स्नातक गणित की पढ़ाई अन्ना मलाई विश्वविद्यालय चेन्नई और बीएड राजर्षी टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज से की है.

ये एक शिक्षिका हैं और शिक्षण क्षेत्र में लगभग विभिन्न शहरों एवं स्कूलों में कार्यरत थी. पति जितेंद्र शुक्ल के जिंदगी में आने से पूर्व यानि शादी से पूर्व चेन्नई के स्कूल में गणित शिक्षक के रुप में ढ़ाई साल , प्रयागराज के स्कूल में दो साल आठ महिना समय दिया तो शादी के बाद जितेंद्र शुक्ल के जिंदगी में आ जाने के बाद भी शिक्षण पर कोई विराम नही लगा. बस जगह बदल गया और आरा में ढ़ाई साल जा पॉल स्कूल में , कार्यवाहक प्रधानाचार्य डीपीएस स्कूल आरा में , उसके बाद दिल्ली के जाने माने स्कूल बीपीएस में गणित शिक्षिका सह परीक्षा नियंत्रक के रुप में लगभग 15 साल का सफर अनवरत जारी रहा.

यही नही शिक्षण के साथ पति का सामाजिक गुण भी जीवन मे इस कदर समाहित हो गया कि शिक्षण कार्य के साथ-साथ जहां पर भी रही गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करती रहीं. आरा शहर में पति द्वारा संचालित छठ पूजा समिति में भी योगदान देने के साथ-साथ आरा रोटी बैंक संस्था को भी समय-समय पर सहयोग करते रहीं.

मेयर के रूप में क्यों के सवाल पर वे कहती हैं कि शहरों के विकास और सुव्यवस्थित व्यवस्था को देखते हुए अपने शहर आरा को भी उसी रुप में बनाने के लिए एक संकल्प उनके जेहन में है. वे बाकियों की तरह वादे नही कर रहीं हैं लेकर कहती हैं कि उनके पास इरादे हैं. आरा के सर्वांगीण विकास के लिए उनका एक विजन है,जिसमें 17 मुद्दे हैं जिनपर वे काम करना चाहती हैं. ये मुद्दे निम्न हैं :

(1) शहर जाम से मुक्त और जल निकासी से युक्त हो
(2) शहर प्रदुषण से मुक्त और पर्यावरण से युक्त हो
(3) शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा उच्च गुणवत्ता युक्त हो
(4) शहर रौशनी से युक्त हो अपराध से मुक्त हो
(5) नगर निगम क्षेत्र में निवास करने वाले युवतियों एवं युवकों को रोजगार हेतु प्रशिक्षण

(6 ) वरिष्ठ नागरिकों के लिए नगर निगम द्वारा प्रदत सुविधा में विशेष रियायत
(7 ) सरकार प्रायोजित योजना को आम जनता तक पहुंचाना
(8 ) नगर निगम के सभी वार्ड को बिना कोई भेदभाव किए विकास के लिए राशि उपलब्ध कराना
(9) शहर के विकास के लिए सिविल सोसायटी के साथ समय-समय पर विचार विमर्श
(10 ) सरकारी कार्यालयों के साथ भवदीय संबंध स्थापित कर जनता के कार्यों को समय पर निष्पादित कराने का हर संभव प्रयास

(11) माह में एक बार निगम पार्षद, डिप्टी मेयर, कार्यालय कर्मचारी, पदाधिकारी एवं सिविल सोसायटी के लोगों के साथ कार्यशैली एवं विकास की समीक्षा के साथ-साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय
(12) खेल, कला, संस्कृति को प्रोत्साहित करना
(13 ) स्थानीय सांस्कृतिक, बौद्धिक, ऐतिहासिक महत्व के धरोहर‌ को संरक्षित कर उसके इतिहास को आम जन तक लाना

(14 ) छोटे फुटपाथों के व्यवसाई के लिए वेंडर जोन की व्यवस्था
(15) आटो चालक के लिए पार्किंग की व्यवस्था
(16) शहर में महिलाओं और पुरुषों के लिए डीलक्स शौचालय का निर्माण
(17) आवारा पशुओं के कारण आए दिन दुर्घटना होती है उनके समुचित रख-रखाव की व्यवस्था.

इन सभी कामों को मजबूती से लागू करने के लिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ साथ आम जनता के सहयोग से भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने का प्रयास उनका अहम कार्य होगा.

अब देखना दिलचस्प होगा कि इतने मजबूत इरादों से भरी महिलाओं की इस सशक्त रूप रेखा तिवारी को जनता आँखो पर बैठाती है या फिर किसी समीकरण में फँस अपना वोट किसी और को समर्पित करती है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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