दूसरे दिन विवि परिसर हुआ आन्दोलनमय
छात्र-शिक्षक आये एक मंच पर
आरा,5 मार्च(ओ पी पाण्डेय व रवि प्रकाश सूरज). लीड छात्र संगठन के सदस्य अनिरुद्ध सिंह आमरण अनशन का आज तीसरे दिन भी जारी रहा. ज्ञात हो कि 3 मार्च से ही विवि के स्तीत्व को बचाने और विवि की जमीन से अन्यत्र जगह वृहद और अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज के निर्माण की माँग को लेकर विवि परिसर में अनशन चल रहा है. बीते शाम अनशनस्थल पर सीसीडीसी और इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो हीरा प्रसाद और प्रॉक्टर शिवपरसन सिंह आये और अनशनकारी छात्रों का मनोबल बढ़ाने के साथ ही मुद्दे से जुड़ी बातों की जानकारी दी. अनशन के दूसरे दिन सुबह यानि गुरुवार को विवि के चिकित्सक ने अनिरुद्ध सिंह के स्वास्थ्य की जांच की. उनका स्वास्थ्य अभी सामान्य बना हुआ है. दिन में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष मंजू सिंह, व्याख्याता प्रतिभा सिंह, भकुस्टा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो वज्रांग प्रताप केसरी, भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रो दिवाकर पांडेय, हिंदी विभाग के व्याख्याता निलाम्बुज सिंह, नवनीत कुमार राय, जैन कॉलेज के हिंदी के पूर्व हेड डॉ बलिराज ठाकुर, दर्शनशास्त्र के पूर्व अध्यक्ष महेश सिंह और लोक प्रशासन विभाग के प्राध्यापक प्रो उमेश कुमार ने छात्रों और शिक्षकों को सम्बोधित किया. सभी ने एक सुर से विवि की जमीन को बिना सहमति के मेडिकल कॉलेज के नाम दाखिल-खारिज करने के कृत्य की घोर निंदा की और कहा कि इस फैसले से भोजपुर जिले के तीनों संस्थान विवि, मेडिकल कॉलेज और मानसिक आरोग्यशाला केवल दिखावे की वस्तु बनकर रह जायेगी.
दूसरे दिन अनशन में विवि के 80 छात्रों ने अनशनस्थल पर अपनी उपस्थिति जताई. विवि छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एनएसयूआई नेता अभिषेक कुमार द्विवेदी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं ले लेती हम इस संघर्ष में साथ बने रहेंगे. अन्य छात्रों में शांता पांडेय, वैभव पाठक, अविनाश सिंह, वसुंधरा कुमारी, सोनी कुमारी, प्रिया कुमारी, नीतू कुमारी,श्यामली रॉय,रश्मि कुमारी, कुमारी राजलक्ष्मी, श्वेता कुशवाहा, बंटी सिंह,छोटू सिंह, विक्की सिंह,पवन जी, मनमीत ओझा,हिमांशु श्रीवास्तव, अविनाश सिंह,चित्रांश दुर्गेश का नाम उल्लेखनीय है.
विवि के जमीन को बचाने की लड़ाई अब नया रुख ले रहा है. अनशन स्थल पर अब भीड़ बढ़ती जा रही है और हर रोज शिक्षक और छात्रों का जगह-जगह से आना चालू हो गया है. सभी एक सुर में सरकार द्वारा इसतरह विवि के जमीन के कब्जे को गलत ठहरा रहे हैं और इस लड़ाई को जनता अपनी लड़ाई मान रही है. उपस्थित छात्रों और शिक्षकों ने एकजुट होकर प्रतिरोध जताते हुए शाहाबाद की जनता को आगे आने और जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप की अपील की.