टाइगर डे पर चारों शावकों को मिला नाम, मुख्यमंत्री ने किया है नामकरण

By dnv md Jul 29, 2022 #PATNA ZOO #Tiger day

विश्व में बाघों की घटती संख्या को देखते हुए इनके संरक्षण तथा इनके प्रति आमजनों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘टाइगर डे’ मनाया जाता है. संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना में भी प्रत्येक वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय व्याघ्र दिवस मनाया जाता रहा है, परन्तु इस वर्ष का आयोजन विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि इस आयोजन में पटना जू में जन्मे (दिनांक 25-05-2022 ) बाघ के कुल चार शावकों (दो सामान्य रंग के तथा दो सफेद रंग के) का लोकार्पण तथा नामकरण प्रस्तावित था. इन चारों शावकों के माता-पिता संगीता एवं नकुल’ हैं.

बाघ शावकों के नामों का चयन माननीय मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार के द्वारा किया गया जिसकी घोषणा नीरज कुमार सिंह, माननीय मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार द्वारा की गई। नर शावक (सामान्य) का नाम ‘विक्रम’ तथा मादा शावक (सामान्य) का नाम ‘रानी’ रखा गया. दो नर शावकों (सफेद) का नाम क्रमशः ‘मगध’ और ‘केसरी’ रखा गया. इन चारों शावकों को मिलाकर वर्तमान में संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना में अब कुल 09 बाघ हो गए हैं.




पटना जू में बाघों का इतिहास वर्ष 1975 से शुरू हुआ जब दिल्ली चिड़ियाघर ने ‘मोती’ नामक एक नर बाघ दिया तथा असम सरकार ने वर्ष 1980 में जंगली मूल की दो मादा बाघिन दी जिनसे वर्ष 1983 में प्रजनन प्रारंभ हुआ. यह उद्यान, गैंडा के साथ-साथ बाघ तथा जिराफ के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ इन वन्यप्राणियों का प्रजनन सफलतापूर्वक हो रहा है.

इस अवसर पर नीरज कुमार सिंह, मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परविर्तन विभाग, बिहार / अरविन्द कुमार चौधरी, भा०प्र०से०, प्रधान सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार / आशुतोष, भा०व०से०, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (HoFF), बिहार / सी०पी० खंडूजा, भा०व०से०, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास), बिहार/ एन० जवाहर बाबू भा०व०से०, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्र भूमि, बिहार / सुरेन्द्र सिंह, भा०व०से०, निदेशक, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण, पटना / श्री सत्यजीत कुमार, भा०व०से०, निदेशक, संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना तथा शशिकांत कुमार, भा०व०से०, वन प्रमंडल पदाधिकारी, पार्क प्रमंडल, पटना के द्वारा उद्यान का भ्रमण किया गया तथा इस वर्ष जिराफ के जन्मे दो बच्चों (अमन एवं हिमानी / लाडो) का भी अवलोकन किया गया। इस अवसर पर स्थल चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन ‘व्याघ्र एवं व्याघ्र संरक्षण विषय पर किया गया.

pncb

By dnv md

Related Post