आरा, 06 जनवरी(ओ पी पांडेय). महान वैज्ञानिक न्यूटन ने कहा था कि बुद्धिमत्ता की सच्ची पहचान शिक्षा नही है बल्कि कल्पनाशीलता है. मतलब शिक्षा ग्रहण कर कल्पनाशीलता के जबतक गोते न लगाएं जाए तबतक बुद्धिमत्ता की पहचान नही होती है और यही बुद्धिमत्ता इंसान को आत्मनिर्भर बनाता है. बच्चों में इस आत्मनिर्भरता को भर रहा है आरा का एक विद्यालय जिसका नाम है संभावना उच्च विद्यालय. विद्यालय के बच्चे अपनी कल्पनाओं को पर लगा लोगों के लिए आश्चर्यजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं वही आत्मनिर्भर बनने के संकेत दे रहे हैं.
शुक्रवार को ‘शान्ति स्मृति’ सम्भावना आवासीय उच्च विद्यालय, शुभ नारायण नगर, मझौवाँ, आरा में ‘जलवायु परिवर्तन’ विषय पर ‘कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन समारोह पूर्वक किया गया. ‘कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन समारोह के उद्घाटनकर्ता अवधेश नारायण सिंह (पूर्व सभापति, बिहार विधान परिषद), मुख्य अतिथि आचार्य धर्मेन्द्र (पूर्व कुलपति, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय), विशिष्ट अतिथि भाई ब्रम्हेश्वर (पूर्व महासचिव, बिहार राज्य नागरिक परिषद), मेजर राणा प्रताप सिंह (अध्यक्ष, पूर्व सैनिक संघ), कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो० कन्हैया बहादुर सिन्हा (अध्यक्ष, बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ), विद्यालय के निदेशक डॉ० कुमार द्विजेन्द्र तथा प्राचार्य डॉ० अर्चना सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उद्घाटन के उपरान्त विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक एवं समसामयिक स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रकृति के सौदर्य एवं संरक्षण को दर्शाया गया. तत्पश्चात छात्र-छात्राओं ने अतिथियों को पौधा देकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.
इस अवसर पर आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्या डॉ० अर्चना सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक समस्या है. न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व के अनेक देश इस समस्या से जूझ रहे है. जलवायु परिवर्तन से बचने का एक मात्र उपाय अपने पर्यावरण का संरक्षण है. हमारा विद्यालय अपने बच्चों के माध्यम से स्वच्छता, प्रदुषण, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर हमेशा जागरूकता कार्यक्रमों को आयोजित करते रहता हैं.
इस आयोजन में हमारे विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रोजेक्ट, पोस्टर तथा विज्ञान व तकनीक से संबंधित विभिन्न मशीनरी उपकरणों के माध्यम से यह बताया है कि हम कैसे जलवायु परिवर्तन संतुलित रख सकते हैं. हमारे छात्र-छात्राओं का यह प्रयास न सिर्फ सराहनीय है, बल्कि समाज को संदेश देने वाला भी है.
उन्होनें कहा कि यहाँ उपस्थित जितने भी अभिभावक तथा अतिथि है, वे इस प्रदर्शनी से एक सकारात्मक संदेश लेकर जाएगें. प्राचार्या ने कहा कि यहाँ दर्शायी गई प्रत्येक कृति बच्चों की मौलिक कल्पनाशीलता है.
उद्घाटन के बाद सभी अतिथियों, अभिभावकों तथा आम लोगों ने ‘कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी स्वावलोकन किया. छोटे-छोटे बच्चों की कल्पनाशीलता एवं वैज्ञानिक दृष्टि को देखकर सभी अतिथि, अभिभावकों और आम लोग हतप्रभ थे. प्रदर्शनी में कई बच्चों द्वारा प्रोजेक्ट, पोस्टर, मॉडल और विज्ञान व तकनीक के माध्यम से रेन वाटर हार्वेस्टिम सिस्टम, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन सिटी, स्मार्ट सिटी, स्मोक अब्जॉनर, लेजर सिक्योरिटी सिस्टम, रिमोट कन्ट्रोल टैंक, सिमेज वॉटर ट्रीटमेंट, धर्मल पावर प्लांट, फंक्शनिंग ऑफ हन्यूमन हार्ट, वॉइस कन्ट्रोल कार, इसरो स्पेश मिशन तथा जैम का मॉडल प्रस्तुत किया है. वहीं कई छात्र-छात्राओं ने पेन्टिंग और पोस्टर के माध्यम से जल-संरक्षण, वायु प्रदुषण तथा पर्यावरण संरक्षण की मार्मिक अपील की है. कुल मिलाकर यह ‘कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी आम लोगों से यह अपील करती है कि यदि हम आज नहीं सुधरे तो हमारा कल बर्बाद हो जाएगा. इस अवसर पर कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता अवधेश नारायण सिंह (पूर्व सभापति, बिहार विधान परिषद) ने छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें CO₂ (कार्बन डाई ऑक्साइड)उत्सर्जन वाली वस्तु जैसे ए०सी०, हीटर इत्यादि के प्रयोग से बचना होगा.
उन्होनें कहा कि देश के असल विकास का रास्ता विज्ञान और प्रौधोगिकी है, फिर भी हमें पेड़-पौधे लगाने होंगे. हरियाली होगी तो जलस्तर सही होगा और तभी जीवन संभव होगा. विद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षको की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं सम्भावना में अपनी संभावना तलाश करता हूँ.
बच्चों की प्रतिभा से प्रसन्न होकर छात्रा प्राची कुमारी और उसके समूह को नगद पुरस्कार भी दिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि प्राणों की रक्षा जल, जीवन, हरियाली से ही हो सकती है. जीवन में शान्ति चाहिये तो विज्ञान और वेदान्त दोनों को साथ लेकर चलना होगा. यहां के बच्चे प्रतिभाशाली और संस्कारवान है. मैं सभी के शान्ति और शिक्षा की कामना करता हूँ.
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव भाई ब्रहमेश्वर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस विद्यालय के बच्चों की कल्पनाशीलता तथा रचनाधर्मिता देखने लायक है.
उन्होने इस कार्य के लिए विद्यालय प्रबंधक की प्रशंसा किया. इस अवसर पर मेजर राणा प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
‘कला एवं विज्ञान प्रदर्शनी’ में प्रोजेक्ट, पोस्टर, मॉडल तथा अन्य मशीनरी उपकरणों को तैयार करने वाले विभिन्न कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत भी किया गया.
पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं में क्रमशः तुषा, रिशिंका राज, अयांश श्रीवास्तव, समृद्धि सिन्हा, मयंक सिंह, देव दूबे, रितिक सिंह, रीत श्री. वैष्णवी, आलोक अतुल्य, प्रतीक, वैभव, आर्या, अभय कुमार पाण्डेय, विकास कुमार ठाकुर, नन्दन यादव, आदित्य गुप्ता, आयुष पाठक, पवन कुमार सिंह, अजय कुमार, प्रिंस राज, निकीता सिंह, वैभव दुबे, शिवांगी पाण्डेय, श्रेयांश तिवारी, अंश कुमार, ज्ञान कुमार, अविनाश कुमार, साँची रानी, हर्ष प्रिया, किर्ती पाण्डेय, सलोनी कुमारी, प्रियंका सिंह, निशी कुमारी, और सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार आलोक अतुल्य को मिला.
प्रदर्शनी में उत्कृष्ट कार्य के लिए विज्ञान शिक्षक चंद्रकांत उपाध्याय, कला शिक्षक विष्णु शंकर एवं संजीव सिन्हा को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष प्रो० कन्हैया बहादुर सिन्हा ने कहा कि यह प्रदर्शनी एक ओर जहाँ आने वाली समस्याओं को रेखांकित करती है, वहीं दूसरी ओर उसके समाधान को भी प्रस्तुत करती है. मैं यहाँ के बच्चों की कल्पनाशीलता और प्रतीभा के देखकर आश्चर्यचकित हूँ. उन्होने कहा कि शिक्षा का असली उद्देश्य न सिर्फ ज्ञान प्राप्त करना है बल्कि आत्मनिर्भर बनना भी है. यह विद्यालय अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है.
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए विद्यालय के निदेशक डॉ० कुमार द्विजेन्द्र ने कहा कि विद्यालय में बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए प्रबंधन हमेशा प्रयत्नशील रहता है. इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में कल्पनाशीलता तथा वैज्ञानिक सोच का विकास होता है. मंच संचालन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक अरविन्द्र ओझा ने किया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के उप-प्राचार्य ऋषिकेश ओझा, विज्ञान शिक्षक चन्द्रकान्त उपाध्याय,ब्रजेश तिवारी, एस०के० द्विवेदी, कला शिक्षक विष्णु शंकर, संजीव सिन्हा तथा संगीत शिक्षक धर्मेन्द्र कुमार
सिंह, अमितेश रंजन, दीपेश कुमार का अहम योगदान रहा.
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्रा तथा अभिभावकों के साथ-साथ भारी संख्या में आम लोगों ने भी इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा इसकी सराहना की. इस अवसर पर बी०डी० पब्लिक स्कूल के प्राचार्य राकेश राजमणी, जिला फुटबाल संघ के संरक्षक अशोक मानव, राकेश कुमार धन्नु,नागेन्द्र सिन्हा सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित दिखे.