बाल दिवस पखवाड़ा में किया आयोजन
आरा 27 नवंबर. नए जमाने के साथ पुराने खेलों का बच्चों में जो प्रचलन था वह अब धीरे-धीरे लुप्तप्राय हो गया है. विद्यालयों में सिर्फ ड्रेस कोड और अंग्रेजी की संस्कृति ने भारतीय खेलों को न सिर्फ लुप्त किया है बल्कि बदरंग कर दिया है. पहले बच्चों के विकास के लिए मनोरंजन के कई खेलों जैसे बोरा दौड़, लंगड़ी दौड़, सुई धागा दौड़ बच्चों द्वारा कराया जाता था जो न सिर्फ उनके मनोरंजन का बढ़िया जरिया होता था बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए भी एक अच्छी खुराक की तरह था. इन ग्रामीण खेलों ने राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहुंच बना रखी थी लेकिन बदलते परिवेश में इन खेलों ने जैसे दम तोड़ दिया. अब तो सरकारी स्कूलों में भी ऐसे खेल के आयोजन नही होते हैं. इनकी जगह अन्य खेलों ने अपना जगह बना लिया है लेकिन इन पुराने खेलों को पुनः धरातल पर लाने का काम किया रामापुर सनदिया स्थित डी बी एम हेरिटेज एकेडमी स्कूल ने.
बाल दिवस पखवारा के अंतर्गत शनिवार को बच्चों के प्रतिभा, आत्मविश्वास,मानसिक और शारीरिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार के खेलकूद प्रतियोगितायों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए विद्यालय के प्राचार्य भास्कर मिश्र ने बाल दिवस की महत्ता से और बच्चों के चाचा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तित्व के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की. भास्कर मिश्र ने बताया कि चाचा नेहरू प्रत्येक बच्चे के भविष्य के लिए चिंतित रहते थे. उन्होंने बच्चों को देश का भविष्य कहा था. उनका मानना था कि बच्चे ही उन्नत राष्ट्र का निर्माण करते हैं.
प्रत्येक बच्चे को आदर्श नागरिक बन कर चाचा नेहरू के सपनों को पूरा करना चाहिए. चाचा नेहरू ने युवाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक सकारात्मक कदम उठाए थे. जिसके परिणाम स्वरूप आज विदेशों के कई मल्टीनेशनल कंपनियों में भारतीय उच्च पदों पर आसीन हैं.
धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य विकास कुमार ने किया. विभिन्न वर्गो में बंट कर बच्चों ने स्लो साईकिल रेस, सैक रेस, स्पून मार्बल रेस, थ्रेड निडिल रेस, म्यूजिकल चेयर, मैथमेटिक्स रेस और जंपिंग किड में भाग लिया. सभी विजयी प्रतिभागियों को आगामी 10 दिसंबर को होने वाले विज्ञान प्रदर्शनी और बाल मेला में पुरस्कृत किया जाएगा.
कार्यक्रम के आयोजन में विकास कुमार, रौशन कुमार, मीनू सिंह, अजीत कुमार पंडित, कलावती देवी, मौसम देवी, ललिता देवी, दादुल शाह और काजल कुमारी का विशेष सहयोग रहा जिससे लुप्त हो रही बच्चों की लोक जीवन से जुड़े खेलों की सभी प्रतियोगिताओं का आयोजन सफलता पूर्वक किया संपन्न हुआ.
PNCB