नीतीश और 4 सांसद केंद्र से कर चुके हैं मांग
7 साल पहले राज्य कैबिनेट का प्रस्ताव भेजा गया था गृह मंत्रालय को
मोदी पीएम बनिहे त भोजपुरी के मिली दर्जा ; रविशंकर प्रसाद
9 साल बाद भी भोजपुरी को मान्यता नहीं मिलने नाराज है भोजपुरी के लोग
3 सांसदों ने गृह मंत्री को, 1 ने पीएम को लिखा पत्र
2021 में सांसद राधा मोहन सिंह व गिरिराज सिंह ने गृह मंत्री को पत्र लिखा
4 अगस्त 2022में चतरा सांसद सुनील कुमार ने गृह मंत्री शाह को पत्र लिखा
26 जुलाई 2022 में गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने पीएम मोदी को पत्र लिखा
एक बार फिर सुलगने लगी है भोजपुरी को को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग .भोजपुर में इसके लिए खास तैयारी की जा रही है,युवा संगठित हो रहे हैं,इस बार सिर्फ युवा ही नहीं पूरा परिवार शामिल होगा जन आन्दोलन में.यह आग कभी भी भड़क सकती हैं. पिछले दो सालों में आरा में इस मांग को लेकर जन आन्दोलन हुए हैं सड़के जाम हो गई ट्रेने रोकी गई और यह आन्दोलन कई दिनों तक चला. आरा के सांसद ने आर के सिंह ने भी बात करने के आश्वासन दिए लेकिन 9 सालों के बाद कुछ नहीं कर पाए. अब भोजपुरी इलाके की जनता का उन पर से विश्वास उठ चूका है लिहाजा अब भोजपुरी भाषी इलाके के लोग आन्दोलन करने को विवश झो गए हैं.
देशभर में भोजपुरी भाषियों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है। देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भोजपुरी बोली जाती है। सबसे अधिक बिहार में 2.58 करोड़ व यूपी में 2.18 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं. जबकि सबसे कम लक्षद्वीप में 10 और पुडुचेरी में 24 लोग भोजपुरी बोलते हैं. भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए 2021 से अब तक चार जनप्रतिनिधियों और राज्य सरकार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है.
भोजपुरी संगठन से जुड़े लोग बताते है कि एक बार फिर से इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन तेज करने की तैयारी है. बिहार-यूपी के बड़े साहित्यकार फिर से इस आंदोलन को तेज करने के लिए लोगों को एकजुट करने में जुटे हैं. भोजपुरी भाषी क्षेत्र के सभी सांसदों को एक मंच पर लाकर बड़े आंदोलन को शुरू करने की तैयारी है. सांसदों को पत्र लिखा जा रहा है.सभी सांसदों को गृह मंत्रालय की ओर से कमोबेश एक ही जवाब उपलब्ध कराया गया कि अभी 22 भाषाएं संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है। अन्य भाषाओं को शामिल करने से संबंधित भावनाओं और मांगों को लेकर सरकार सचेत है, ऐसे अनुरोधों को ध्यान में रखकर विचार करना होगा. भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार ने कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर गृह मंत्रालय को 2017 में ही प्रस्ताव भेजा था.
तत्कालीन मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने गृह मंत्रालय को 18 अगस्त 2021 को पत्र लिखकर कार्रवाई का ब्यौरा मांगा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला.वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नीरज सिंह का कहना है कि भोजपुरी के 8वीं अनुसूची में शामिल होते ही यह कार्य और रोजगार से जुड़ जाएगा। कई तरह की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.नीचे से ऊपर स्तर तक विभिन्न पदों पर बहाली हो सकेगी. साथ में प्राइमरी स्तर पर पढ़ाई शुरू करने को भी बल मिलेगा.
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