घटते जल स्तर से बढ़ी चिंता
उत्तर प्रदेश और अन्य राज्य भी गिरते भूजल की जद में
इक्रा रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबकि तमिलनाडु, कर्नाटक उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश में जलाशय के ऐतिहासिक स्तर और मौजूदा स्तर में भारी अंतर देखने को मिला है. देश के कई राज्यों में घटता जमीन के नीचे का जल स्तर आनेवाले दिनों में मुश्किल पैदा कर सकता है. उत्तर प्रदेश और बिहार में ये स्तर 10 साल के औसत से 35 और 25 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गया है. दक्षिण भारत में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. भारतीय रिजर्व बैंक भी इन वजहों से महंगाई के ऊपर दबाव की बात स्वीकर चुका है.
पूरेदेश की बात की जाए तो जलाशय स्तर, फुल रिजर्वियर लेवल यानि एफआरएल पर 29 सितंबर 2023 को 73 फीसदी पर था,जो इससे एक साल पहले 89 फीसदी पर था. इसका 10 वर्षों का ऐतिहासिक स्तर 79 फीसदी हुआ करता था. जलाशय का ये स्तर सितंबर के आखिरी दो से तीन हफ्तों में हुई तेज बारिश के बाद पहुंचा है.
इक्रा रिसर्चकी रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु, कर्नाटक उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश में जलाशय के ऐतिहासिक स्तर और मौजूदा स्तर में भारी अंतर देखनेको मिला है.
10 साल में इतना घटा भूजल
तमिलनाडु 59%
आंध्र प्रदेश 49%
केरल 36%
उत्तर प्रदेश 35%
बिहार 25%
पश्चिम बंगाल 19%
राजस्थान, तेलंगाना, गुजगु रात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ये ऐतिहासिक स्तर से ऊपर है या फिर कम गिरावट है. जलाशयों के गिरते जल स्तर पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी चिंता जता चुके हैं. उन्होंने मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान महंगाई के परिदृश्य को लेकर कहा था कि कम जलाशय स्तर खरीफ की फसल की बुआई में कमी से दलहन और तिलहन की फसलों को लेकर अनिश्चितता से चिंता बनी हुई है. साथ ही वैश्विक स्तर पर खाने पीने की चीजों के दाम और तेल के दामों से भी इसके ऊंचाई पर रहनेकी आशंका जताई गई थी.
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