“फच्चू आया दिल्ली पढ़ने” – सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय में बिताए छात्र जीवन पर आधारित उपन्यास नहीं रहा
द रोटरी क्लब ऑफ़ ग्लोबल इम्पैक्ट के फ्री गिफ्ट शो शामिल अलग-अलग भाषाओं की चार पुस्तकों में एक
रवीन्द्र भारती
द रोटरी क्लब ऑफ़ ग्लोबल इम्पैक्ट दुनिया भर में मानवीय सेवाओं, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा का प्रसार, स्वच्छ पेय जल प्रबंधन और स्वच्छता, नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहन, गंभीर आपदाओं में राहत कार्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने जैसे कार्यों में संलिप्त है.फ्री गिफ्ट शो में किसी मूल्यपरक उत्पाद को दुनियाभर में वितरण के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। क्लब ने “फच्चू आया दिल्ली पढ़ने” उपन्यास को हिन्दी भाषा की मनोरंजन और प्रेरक पुस्तकों में एक माना है.
द रोटरी क्लब ऑफ़ ग्लोबल इम्पैक्ट के चेयरमैन और व्हाइट हाउस के पूर्व सीईओ मिस्टर मार्टिन सीजे मंगीलो ने अपनी टीम से “फच्चू आया दिल्ली पढ़ने” किताब का अंग्रेजी अनुवाद करवाया. फिर लेखक का इंटरव्यू लिया.
“फच्चू आया दिल्ली पढ़ने” बिहार से दिल्ली पढ़ने गए छात्र की कहानी है। भोला-भाला छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय के चकाचौंध में खो जाता है। ग्लैमर के बीच कभी हीन भावना से ग्रस्त होता है तो कभी उसके भोलेपन का फायदा उठाया जाता है। धीरे-धीरे उसे दिल्ली के रंग समझ में आने लगते हैं। वो अपने मकसद को पाने में जी-जान से जुट जाता है और अंत में कामयाब होता है.अस्सी के दशक में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र की कहानी बेशक काल्पनिक है, फिर भी सच्ची घटनाओं पर आधारित है। पढ़ने के लिए दूरदराज से आए छात्रों की बुनियादी परेशानी बयां करता है और उसका हल तलाशता है.
द रोटरी क्लब ऑफ़ ग्लोबल इम्पैक्ट में चुने जाने के बाद उपन्यास अमेरिका में बसे भारतीयों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अमेरिकी प्रकाशक रिटैट से छपा उपन्यास, हार्ड कवर, पेपरबैक और किंडल विकल्पों में आमेजन पर उपलब्ध है.
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