32000 से अधिक महिलाओं का अवैध व्यापार किया
केरल और मैंगलोर से लगभग 32,000 युवा लड़कियां लापता
NIA केवल 99 मामलों की कर रही है जांच
पूरे मानव इतिहास में क्रूरता और छल के अनगिनत किस्से सुनाए गए हैं. ऐसी ही एक कहानी हमारे अपने देश से सामने आती है जब एक आतंकवादी संगठन ने फॉरेन में जन्म लिया. फिल्म निर्माता विपुल अमृतलाल शाह और राइटर-डायरेक्टर सुदीप्तो सेन जल्द ही महिलाओं की तस्करी की एक भयानक कहानी लेकर आ रहे है जोकि उस जगह की है जिसे भगवान का शहर माना जाता है यानि केरला.
इसकी एक झलक हाल ही में जारी की गई एक शॉर्ट विडियो में दिखाई गई जहां एक राज्य के गणमान्य व्यक्ति को केरल से आईएसआईएस और दुनिया के अन्य युद्धग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे व्यवस्थित अपहरण और हजारों महिलाओं की तस्करी के बारे में बात करते हुए दिखाया गया है. आंकड़ों ,की मानें तो 32000 से अधिक महिलाओं का अवैध व्यापार किया गया है और यह वर्तमान समय में एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है. इसी के चलते केरल को इस्लामिक राज्य में बदलने के लिए एक गुप्त अभियान शूरू किया जाता है.
निर्माता विपुल अमृतलाल शाह ने कहा कि यह कहानी एक मानवीय त्रासदी की है, जो आपको अंदर तक झकझोर देगी. जब सुदीप्तो ने आकर मुझे 3-4 साल से ज्यादा के अपने रिसर्च के साथ सुनाया, तो पहली ही बार में मैं रो पड़ा था. उसी दिन मैंने इस फिल्म को बनाने का फैसला किया. मुझे खुशी है कि अब हम फिल्म के साथ आगे बढ़ रहे हैं और हम घटनाओं की एक बहुत ही वास्तविक, निष्पक्ष और सच्ची कहानी बनाने की उम्मीद करते हैं.इस पर लेखक और निर्देशक सुदीप्तो सेन ने साझा करते हुए बताया, “हाल ही में एक जांच के अनुसार, 2009 से – केरल और मैंगलोर की लगभग 32,000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई समुदायों से इस्लाम में परिवर्तित किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य आईएसआईएस और हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुंच जाती हैं. इन फैक्ट्स को स्वीकार करने के बावजूद सरकार, ISIS-प्रभावित समूहों के नेतृत्व में इतनी बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिशों के खिलाफ किसी निश्चित एक्शन प्लान पर विचार नहीं कर रही है.
केरल और मैंगलोर अब उपमहाद्वीप में हाल के अधिकांश नरसंहारों के केंद्र हैं. केरल और मैंगलोर से लगभग 32,000 युवा लड़कियों के लापता होने के बावजूद NIA केवल 99 मामलों की जांच कर रही है. एक गहरी जड़ें जमाए हुए धर्मांतरण नेटवर्क के माध्यम से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण ने केरल पर आग की तरह कब्जा किया हुआ है!
इस पर अपने रिसर्च और पूरे क्षेत्र की यात्रा के दौरान, हमने भागी हुई लड़कियों की माताओं के आंसू देखे हैं. हमने उनमें से कुछ को अफगानिस्तान और सीरिया की जेलों में पाया. कुछ का कोई परीक्षण नहीं है. ज्यादातर लड़कियों की शादी ISIS के खूंखार आतंकियों से हुई थी और उनके बच्चे भी हैं. अंधकारमय से अंधकारमय भविष्य उनका इंतजार कर रहा है. यह महत्वपूर्ण फिल्म उन सभी माताओं के रोने की आवाज सुनने की कोशिश कर रही है जिन्होंने अपनी बेटियों को खो दिया है .”
ऐसे में ह्यूमन क्रूलटी की यह दिलचस्प और भयानक कहानी जो ह्यूमन क्रूल्टी के हाथों लॉस ऑफ इनोसेंस को दर्शकों के सामने लाती है वो उनके दिलों को छूने में कोई कसर बाकी नही छोड़ेगी. द केरल स्टोरी’ के बारे में ज्यादा जानने के लिए हमारे साथ बने रहें.