‘श्रीमहाकाल लोक’ की भव्यता, स्वर्ग सा अहसास

By pnc Oct 11, 2022 #mahakal #narendra modi #ujajin

महाकाल मंदिर में पीएम मोदी ने की शिव साधना

फूलों से महका महाकाल दरबार

कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग 4 महावीर, 6 विनायक, 8 भैरव, नवग्रह, 10 विष्णु  11 रुद्र,12 आदित्य,24 देवियां और 88 तीर्थ




उज्जैन में महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है. सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है. अविस्मरणीय है, अविश्वसनीय है. उज्जैन की भूमि पर कण कण में आध्यात्म समाया है ये वह भूमि है जहाँ श्री कृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की थी. उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है. उन्होंने कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं. उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है. पीएम ने कहा कि उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है. उन्होंने कहा कि यहां ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं, यहां 4 महावीर हैं. 6 विनायक हैं. 8 भैरव हैं. नवग्रह हैं. 10 विष्णु हैं. 11 रुद्र हैं. 12 आदित्य हैं. 24 देवियां हैं और 88 तीर्थ हैं. और इन सबके केंद्र में महाकाल विराजमान हैं. पीएम मोदी ने कहा कि ये वह जगह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की. महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय है. सब कुछ अलौकिक है. उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 ज्योतिर्लिंग में से एक, दक्षिणमुखी महाकाल मंदिर में कई एकड़ क्षेत्र में तैयार किए गए दिव्य और भव्य कॉरिडोर महाकाल लोक का लोकार्पण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. लोक के नंदी द्वार से महाकाल लोक का लोकार्पण कर कॉरिडोर में बनी हुई मूर्तियों को निरीक्षण किया. इसके लिए उज्जैन को बेहद आकर्षक तरीके से सजाया गया है. महाकवि कालिदास के महाकाव्य मेघदूत में महाकाल वन की परिकल्पना को जिस सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, सैकड़ों वर्षों के बाद उसे साकार रूप दे दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल कॉरिडोर पहुंचे. यहां उन्होंने पहले नंदी के दर्शन किये और फिर महाकाल के दर्शन किये. पीएम मोदी ने यहां मंदिर में पूजा-अर्चना की है. जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें नजर आया है कि पीएम मोदी ने बाबा महाकाल के दर्शन किये. उस वक्त वहां मंदिर के पुजारी भी मौजूद थे. बता दें कि महाकाल लोक प्रोजेक्ट को दो फेज में 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है. 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा. इसमें 946 मीटर लंबा कॉरिडोर है. इसी पर चलकर भक्त गभगृह तक पहुंचेंगे.

उज्जैन पहुंचने के बाद पीएम मोदी महाकाल मंदिर पहुंचे. यहां पीएम मोदी शिव साधना में लीन नजर आए. महाकाल के सामने बैठ कर पीएम मोदी ने उनकी श्रद्धापूर्वक पूजा की है. इस दौरान मंदिर के पुजारी भी वहां नजर आए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर पूजन किया. इसके बाद उन्होंने नंदी हाल में बैठकर कुछ देर ध्यान किया.

महाकाल कॉरिडोर देश का पहला ऐसा धार्मिक कैंपस है, जो पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे डेवलप हो रहा है. शिव, शक्ति और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और म्यूरल्स (भित्त चित्र) के जरिए इसे सजाया गया है. श्रद्धालु शिव की अनसुनी कथाएं इनसे जानेंगे. सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं हैं. यहां देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है.

महाकाल लोक सिंहस्थ को ध्यान में रखकर प्लान किया गया है. सिंहस्थ के दौरान इंदौर, रतलाम, देवास, मक्सी जैसे किसी भी शहर से उज्जैन आने पर सिंहस्थ मेले के डेढ़ किमी नजदीक गाड़ियां पार्क हो सकेंगी. लोगों को मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए ज्यादा पैदल नही चलना पड़ेगा. इसके आसपास डेढ़ किमी क्षेत्र में भी तिरुपति की तरह बैटरी वाली सरकारी गाड़ियां चलेंगी. 30 सितंबर 2023 तक महाकाल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2500 गाड़ियों की पार्किंग तैयार हो जाएगी. वहीं सिंहस्थ को लेकर 7 हजार गाड़ियों की स्थाई पार्किंग व्यवस्था नदी के किनारे ही बनाई जा रही है. इसके लिए क्षिप्रा किनारे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है.

महाकाल का दरबार देशी-विदेशी फूलों की सुगंध से महक उठा है. गर्भगृह और नंदी हाल के साथ ही महाकाल परिसर के सभी छोटे-बड़े मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं. महाकाल मंदिर के दरबार में स्थित सभी छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास भी पुष्प सज्जा की गई है. इसमें देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प इसके अलावा विशेष किस्म के डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा, एंथोरियम के फूल शामिल हैं. विशेष किस्म के पुष्प पुणे व बेंगलुरु से मंगाए गए हैं.

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