पुलिस की धुलाई कर देते हैं ये मनचले गार्ड
गार्ड जो अपने आप को पुलिस से भी बड़ा मानते हैं
आरा, 28 जून. सदर अस्पताल में तैनात गार्डो की दबंगई बढ़ गयी है. गार्डों का बर्ताव मरीजों और परिजनों से बड़ा ही बदसलूकी भरा रहता है. आये दिन ऐसी शिकायत मरीजो द्वारा मिलती रहती है जिसका ताजा उदाहरण 12 जून को अस्पताल के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के साथ मारपीट है. इसकी शिकायत कई बार अस्पताल प्रबंधक से की गई, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन हद तो गुरुवार को तब हो गयी जब अस्पताल के गार्डों ने पुलिसकर्मी को ही पीट डाला. इस घटना की वीडियो आज सोशल मीडिया पर वायरल है.
गुरुवार को नवादा थाने में तैनात डायल 112 की टीम एक घायल बुजुर्ग को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंची. मरीज को भर्ती कराने को लेकर कॉन्स्टेबल साबिर रजा और सुपरवाइजर के बीच बहस हो गयी और फिर क्या इस बहस के बाद अचानक से अस्पताल में तैनात गार्डो ने पुलिसकर्मी कॉन्स्टेबल सबीर रजा पर ही हमला बोल दिया और डंडे से उसकी पिटाई कर दी.
वायरल वीडियो साफ दिख रहा है कि कांस्टेबल सबीर सुपरवाइजर से बात कर रहे हैं जहाँ वे चारों ओर से अस्पताल के प्राइवेट गार्डों से घिरे हैं और अपना टैबलेट फ़ोटो खींचने के लिए जैसे ही उठाते हैं कि सुपरवाइजर उनके टैब को हटाता है और दोनों में हाथापाई हो जाती है. इसी दौरान एक गार्ड भी वीडियो बना रहा होता है जिसे कांस्टेबल अपना हाथ उठाकर मना करता है और यहीं से गार्ड आक्रामक हो पुलिसकर्मी पर हाथ चला देता है और फिर दूसरा सुरक्षकर्मी भी डंडे से पीटना शुरू कर देता है. इस बीच कांस्टेबल भागकर अपने आप को बचाता है.
पुलिसकर्मी की गार्डो द्वारा इस मारपीट का वीडियो शहर में चर्चा का विषय बना है जहाँ उनके दबंगई को सभी लोग गलत ठहरा रहे हैं. इस घटना के बाद सुपरवाइजर समेत पांच गार्डों को भोजपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
घटना के बारे में मीडियाकर्मियों को बताते हुए भोजपुर SP प्रमोद कुमार ने बताया कि 112 की टीम एक घायल का इलाज कराने जब आज सदर अस्पताल पहुंची तो इसी दौरान अस्पताल के गार्डों से बहस हुई,जो बाद में मारपीट में तब्दील हो गयी. SP ने कहा कि दोषियों को किसी हाल में बख्शा नही जाएगा उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि CCTV फुटेज के आधार पर गार्डो को गिरफ्तार किया गया है साथ ही दूसरे CCTV के फुटेज के साथ घटना के बारे में जांच भी चल रही है.
क्या कहा घायल पुलिसकर्मी ने
घायल पुलिसकर्मी सबीर राजा ने बताया कि जब वे अनाईठ इलाके से लावारिस हालत में बुजुर्ग को लेकर सदर अस्पताल में इलाज के लिए गए तो अस्पताल के सुरक्षा में लगे गार्डों के सुपरवाइजर ने कहा कि मरीज के साथ एक व्यक्ति होगा तभी उसका अस्पताल में यहां इलाज होगा. इसी बात पर बहस होने लगी. पुलिसकर्मी(कांस्टेबल सबीर रजा) ने सुपरवाइजर से आग्रह किया कि वे मरीज का इलाज करें क्योंकि उन्हें दो और केस के लिए कहीं जाना है, लेकिन सुपरवाइजर और गार्डों ने कुछ नहीं सुना. फिर पुलिसकर्मी के साथ धक्का मुक्की हुई और फिर गार्ड ने डंडे से पिटाई कर दी.
इन प्राइवेट गार्डों का मन ऐसा बढ़ा है कि अस्पताल को अपने बाप की बपौती समझ बैठे है. अस्पताल में आया मरीज रोगों से लाचार डॉक्टर और इलाज के लिए अस्पताल के कई डिपार्टमेंट की खाक छानता है और ये गार्ड इन मरीजों को जैसे अपना गुलाम समझते हैं जिनसे वे ढंग से बात भी नही करते हैं. अगर किसी मरीज ने गार्डों से कुछ पूछ लिया या किसी काम के लिए आग्रह कर दिया तो समझिए उसकी सामत आ गयी. ये मरीज़ों को झुंझलाकर और डांटते हुए तानाशाही रवैये में अपनी दहशत कायम रखते हैं. मरीजों पर इनका खूब दबदबा चलता है लेकिन अस्पताल परिसर से दिन-दोपहरी गाड़ियाँ चुराकर चोर चले जाते हैं पर इन्हें कुछ पता नही चलता. चोरों पर इनकी दबंगई नही चलती जबकि CCTV तक लगा हुआ है. ऐसे मनचले गार्डों पर पुलिस सख्त कार्रवाई कर इन्हें सलाखों के पीछे डाले तब बड़ा सबक मिलेगा और इनसे दहशत में जीने वाले मरीजों और अस्पताल कर्मियों को राहत.
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