बिहार में सबसे महागठबंधन सरकार का गठन हुआ है उसके बाद से ही इस सरकार पर छाए संकट के बादल कम होते नजर नहीं आ रहे हैं. सरकार गठन के बाद राजद के दो मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. अब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान को लेकर बवाल मचा है. रामचरितमानस पर दिए उनके विवादित बयान को लेकर जदयू और राजद आमने-सामने हैं. राजद में भी चन्द्रशेखर के बयान को लेकर बड़े नेता आमने-सामने हैं.
सरकार पर मंडराते संकट को देखते हुए अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला है और इसे बीजेपी की सोची समझी राजनीतिक साज़िश करार दिया है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि सब जानते हैं यह साज़िश एक- डेढ़ वर्ष पूर्व शुरू हुई. कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाने की अफ़वाह फैलाई जा रही थी, कभी राज्यपाल बनाने की, कभी केंद्रीय मंत्री बनाने खबरें बनाई जा रही थी. यह सब बीजेपी, भाजपा समर्थित मीडिया और बीजेपी माइंडेड लोग कर रहे थे.
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा है कि जब से बिहार में महागठबंधन बना है और महागठबंधन सरकार ने अपने एजेंडे के तहत नौकरियाँ देने की और जातिगत जनगणना कराने का कार्य शुरू किया है वही लोग फिर साज़िशें कर रहे हैं. मुख्यमंत्री और हम सब इन सभी बातों को समझते हैं और उन लोगों को पहचानते हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन के शीर्ष नेता हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. बिहार की जनता नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ है ना की बयानवीर चर्चित नेताओं के पास.
बिना नाम लिए चन्द्रशेखर को दी सलाह
तेजस्वी यादव ने कहा कि हम सबों को सभी जाति-धर्मों और ग्रंथों का सम्मान करना चाहिए. ग्रंथों और धर्म की बजाय वास्तविक मुद्दों पर बहस होनी चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि धर्म को राजनीति से दूर रखना चाहिए तभी हम जनता के असल मुद्दों पर बात कर पायेंगे. मंदिर -मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम ये सब बीजेपी और बीजेपी समर्थित मीडिया के पसंदीदा मुद्दे हैं. Debate और Discussion रोजी-रोटी, शिक्षा-चिकित्सा, विकास और जनकल्याण पर होनी चाहिए ना कि धर्म और ग्रंथ पर.
उपमुख्यमंत्री ने दोहराया कि महागठबंधन सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत ही अच्छे तरीक़े से मजबूती से कार्य कर रही है और बिहार में बीजेपी के नापाक इरादे कभी सफल नहीं होंगे.
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