सिर्फ दो विधायकों की जरूरत है तेजस्वी को
चल रही है तैयारी ,नजरें भाजपा और जदयू पर
तेजस्वी को सरकार बनाने के लिए नीतीश की और नीतीश को तेजस्वी की जरूरत थी वो पूरी हो गई लेकिन आंकड़ो के लिहाज से तेजस्वी अगर चाहें बड़ा दांव खेल नीतीश को कभी भी सकते में ला सकते हैं. आंकड़ों ये साफ पता चलता है कि तेजस्वी को नीतीश कुमार की नहीं बल्कि सिर्फ दो और विधायकों की जरूरत रह गई है. बहुत बड़ा खेला होगा तो खेला शुरू हो गया है खेल बहुत बड़ा है, तो सच में है कुछ ऐसा ही चल रहा है. अन्दर अंदर जो खिचड़ी पक रही है वो कुछ ऐसा ही है तेजस्वी की जो मुसीबतें बढ़ी है उनमें जदयू नेताओं का भी हाथ है जिससे हिसाब किताब करने में तेजस्वी ने पूरी प्लानिंग कर ली है आने वाले दिनों उलट फेर कर तेजस्वी बिहार की सीएम की कुर्सी पर विराज सकते है.महागठबंधन सरकार की गाड़ी की स्टियरिंग तेजस्वी यादव के हाथ में ही है. नीतीश को हटाकर महागठबंधन का नया समीकरण तैयार करने में लालू भी जुटे है ,राजद सूत्रों के अनुसार इसके लिए जदयू और भाजपा के लोग संपर्क में हैं
- राजद – 79 विधायक
- कांग्रेस- 19 एमएलए
- वाम दल- 16 विधायक
- हम – 4 विधायक
- एआईएमआईएम -1 विधायक
- निर्दलीय- 1 एमएलए
- कुल = 120
इस तरह से देखें तो अगर मांझी, ओवैसी की पार्टी के बचे सिंगल विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलते ही तेजस्वी को नीतीश की जरूरत सिर्फ 2 सीटों के लिए रह जाती है. ऐसे में वो अगर चाहें तो बिहार में नया समीकरण स्थापित कर सकते हैं. वो कभी भी बड़ा खेल कर सकते हैं. अब सवाल ये कि ये कितना मुमकिन हैपर ये बिहार है और यहाँ कुछ भी सम्भव है.
कौन आसान करेगा तेजस्वी की मुश्किल
जीतन राम मांझी तेजस्वी की मदद के लिए आगे आ सकते हैं बस उन्हें प्राथमिकता मिल जाए तो पाला बदलने में परहेज नहीं कर सकते,एक निर्दलीय और ओवैसी के एक विधायक को कैसे शामिल किया जाए इसकी तैयारी चल रही है. जिस प्रकार नीतीश ने भाजपा से कुछ मुद्दे पर बगावत कर ली वैसा ही तेजस्वी भी कर सकते है इस बात की पूरी संभावना दिख रही है.फिलहाल नीतीश को विपक्षी दलों के रूप में प्रधानमन्त्री के उम्मीदवार के लिए प्रचारित किया जा रहा है ताकि वो इसमें व्यस्त रहें और बिहार को उनकी हाथ से खींच लिया जाए,हालांकि ये इतना आसान नहीं है पर बिहार में जिस प्रकार से ‘खेला होबे’ चल रहा है कुछ भी हो सकता है.
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