अखंड सौभाग्य की कामना का व्रत हरितालिका तीज आज मनाया जा रहा है सुहागिन महिलायें आज के दिन भगवान शंकर पार्वती की पूजा अर्चना कर अखंड सौभाग्य की कामना करती है जानिए क्या है व्रत का मुहूर्त, पूजन विधि और महत्ता
गणेश चतुर्थी के ठीक एक दिन पहले तृतीया तिथि को पति के लम्बी उम्र की कामना के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज के मौके पर २४ घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं पार्वती शंकर का पूजन करती हैं. हिन्दी तिथि के हिसाब से ये व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को किया जाता है.
व्रत और पूजा का मुहूर्त :
इस बार हरितालिका तीज का पर्व काफी सुखद संयोग लेकर आया है। इस बार तृतीया तिथि 4 सितंबर को सुबह 5.00 बजे से शुरू होगी. इसलिए व्रत रखने वाली महिलाएं इससे पहले ही सरगी कर सकती हैं. इसके अलावा पूजा करने का सही मुहूर्त शाम 6 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है. इस दौरान की गई पूजा लाभदायी होगा.
व्रत की महत्ता :
इस बार हरितालिका तीज पर तृतीया संग चतुर्थी और हस्त नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है और ऐसा संयोग व्रती के हर मनोकामना को पूर्ण करने वाला माना जा रहा है. उत्तर भारत में हरितालिका तीज धूमधाम से मनाई जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने वाली सुहागिन महिलाओं का सौभाग्य अखंड बना रहता है और उसे सात जन्मों तक पति का साथ मिलता है.इस के पौराणिक महत्व पर बात करते तो ऐसा उदाहरण मिलता है कि भगवान शिव को पाने लिए 108 जन्म तक माता पार्वती ने भी स्वयं रखा था ये व्रत.तब से विवाहित महिलाएं वैवाहिक सुख और पति की लंबी आयु के लिए देवी पार्वती का आशीर्वाद लेती हैं.वहीं अविवाहित महिलाएं भगवान शिव जैसा पति हासिल करने के लिए व्रत रखकर देवी का आशीर्वाद लेती हैं.
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