विधानसभा एवं विधान परिषद का सत्र रहा हंगामेदार कल 11बजे तक के लिए सारी कार्यवाही स्थगित
शिक्षकों पर लाठीचार्ज करना सरकार के तानाशाही रवैया का द्योतक- ब्रजनंदन शर्मा
पटना।। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर अपने 3 सूत्री मांगों पंचायती राज एवं नगर निकाय के तहत नियुक्त शिक्षकों को नई अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 से आच्छादित करते हुए बिना शर्त सभी को राज्य कर्मी का दर्जा देने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और विद्यालयों का निरीक्षण सक्षम पदाधिकारियों से करवाने की मांग को लेकर
अपने घोषित कार्यक्रम घेरा डालो डेरा डालो के तहत पूरे बिहार के पटना, सारण, मगध एवं तिरहुत प्रमंडल से आए 50,000 से अधिक शिक्षकों ने अपने -अपने क्षेत्र के माननीय विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों के यहां उनका घेराव कर अपने मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा और यथाशीघ्र सरकार पर दबाव बनाकर मांगों की पूर्ति कराने हेतु अपने स्तर से प्रयास तेज करने का आग्रह किया.
उपरोक्त कार्यक्रम में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े सभी संघों ने एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया जिसमें प्रमोद कुमार यादव अध्यक्ष बिहार राज्य नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल, नवीन कुमार महासचिव, कमर मिस्बाही अध्यक्ष उर्दू शिक्षक संघ बिहार, शशि रंजन सुमन अध्यक्ष शिक्षक कल्याण संघ बिहार, अमित कुमार अध्यक्ष अनुसूचित जाति- जनजाति शिक्षक संघ ने भी अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई.
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज कुमार, वरीय उपाध्यक्ष नूनूमणि सिंह महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा, अंकेक्षक राम भूषण उपाध्याय एवं प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी प्रेमचंद्र ने आज के कार्यक्रम की सफलता पर सभी प्रमंडलों से आए शिक्षकों को साधुवाद देते हुए कहा है शिक्षक जाग गए हैं. हमारा कार्यक्रम 11 और 12 जुलाई 2023 को दोनों दिन है उन्होंने कहा कि भागलपुर, कोशी, मुंगेर, पूर्णिया एवं दरभंगा प्रमंडल के शिक्षक 12 जुलाई 2023 को अपने -अपने क्षेत्र के माननीय विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों के पटना स्थित आवास पर घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम जारी रखेंगे.
इधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ और परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ समेत अन्य शिक्षक संघों ने भी गर्दनीबाग में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. शिक्षक नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह चुनाव से पूर्व किए गए अपने वादे को पूरा करें और पहले से काम कर रहे शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दें.
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