पटना में जुटेंगे शिक्षक, MLA-MLC आवास के साथ विधानसभा के सामने भी करेंगे प्रदर्शन

By Pnc Desk Jun 25, 2023 #Bsms #Bsta #Teachers andolan

माध्यमिक शिक्षक संघ और प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई शिक्षक संघों का एलान

अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन, पुरानी पेंशन लागू करने और सक्षम पदाधिकारियों से विद्यालयों की जांच कराने सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षक अपने अपने क्षेत्र के विधायकों /विधान पार्षदों के घर करेंगे घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम

पटना।। बिहार में शिक्षकों का आंदोलन पिछले 2 महीने से चल रहा है. अब एक कदम आगे बढ़ते हुए विभिन्न शिक्षक संघों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है. 10 जुलाई से बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस दौरान शिक्षक बड़ी संख्या में पटना में जुटेंगे और विधानसभा का घेराव करेंगे. इसके अलावा विभिन्न शिक्षक संघ अपने-अपने विधायक और विधान पार्षद के घर का भी घेराव करेंगे. अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन, पुरानी पेंशन लागू करने एवं सक्षम पदाधिकारियों से विद्यालयों की जांच कराने सहित 8 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों विधान पार्षदों के घर दिनांक 11 एवं 12 जुलाई 2023 को घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम करेंगे.
आंदोलन से संबंधित अपनी रणनीति का खुलासा आज बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में किया गया.

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन वर्मा, महासचिव नागेंद्र नाथ शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार, कोषाध्यक्ष अयोध्या पासवान, अंकेक्षक राम भूषण उपाध्याय एवं प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी प्रेमचंद्र ने कहा कि दो चरण का आंदोलन संपन्न हो चुका है इसके बाद भी सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही. यह अपने आपने दुखद घटना है शिक्षक आक्रोशित हैं. बार-बार लिखित रूप में सरकार को ज्ञापन सौंपा जा रहा है उसके बाद भी बजाय शिक्षकों के समस्या का समाधान करने से सरकार द्वारा तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर शिक्षकों को उलझाने का काम किया जा रहा है जो बिल्कुल हास्यास्पद है. उन्होंने कहा कि शिक्षक सरकारी हथकंडा से हतोत्साहित होने वाले नहीं हैं. आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन कर पंचायती राज एवं नगर निकाय के अंतर्गत नियुक्त सभी शिक्षकों को नई नियुक्ति नियमावली से अच्छादित नहीं कर देती है.




इधर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक बयान में कहा है कि असंवैधानिक अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के प्रतिरोध में 01 मई से सत्याग्रह कार्यक्रम चलाये जाने के बावजूद एवं सरकार द्वारा बार-बार वार्त्ता के लिए अनुरोध को ठुकराये जाने के कारण विवश होकर विधान मंडल सत्र आरंभ होने के दूसरे दिन 11 जुलाई को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है.

बता दें कि बिहार अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 की कंडिका-8 में पूर्व से कार्यरत पंचायत एवं नगर निकाय विद्यालयों के शिक्षकों को भी आयोग द्वारा विज्ञापित पदों पर नई नियुक्ति के लिए परीक्षा में बैठने की बाध्यता निर्धारित की गई है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है, क्योंकि एक ही प्रकार के विद्यालय में एक ही तरह के पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले तीन-तीन वर्गों के शिक्षक बहाल किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि विधि के समक्ष समता का अधिकार यह है कि देश में किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जायेगा. लेकिन यह नियमावली शिक्षकों के बीच भेदभाव करती है.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग ने प्रशासी पदवर्ग के द्वारा मात्र एक लाख अस्सी हजार पदों की स्वीकृति प्राप्त की है लेकिन विज्ञापन में एक लाख सत्तर हजार ही रिक्तियों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये है और पूर्व से कार्यरत 04 लाख से अधिक शिक्षकों को भी उन्हीं रिक्तियों के विरूद्ध राज्यकर्मी के दर्जा प्राप्त करने के लिए आयोग की परीक्षा में उत्तीर्णता की शर्त रखी गई है, जो नैसर्गिक न्याय के विरूद्ध है। अधिकतम 20 वर्षों एवं 16 और 17 वर्षों तक के भी नियुक्त शिक्षकों को फिर से नई नियुक्ति का अपमानजनक, अन्यायपूर्ण आदेश देना संविधान विरोधी एवं अराजकतापूर्ण है. यह नियमावली बेरोजगारी बढ़ाने वाली है. पूर्व से कार्यरत शिक्षकों पर छँटनी की भी तलवार लटकने वाली है। इसपर तुर्रा यह है कि नीचले तबकों के कर्मचारियों से विद्यालयों के निरीक्षण का दहशत फैलाया जा रहा है, यह निन्दनीय है.

विधान मंडल के 100 से भी ज्यादा माननीय सदस्यों ने बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने का लिखित समर्थन किया है और माननीय मुख्यमंत्री को भी समर्थन पत्र भेजे जा रहे हैं. इसके साथ ही साथ पंचायत स्तर से लेकर स्थानीय निकाय एवं माननीय सांसदों ने भी पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग का समर्थन किया है.

पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि इस प्रदर्शन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, बिहार नगर पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ एवं परिवर्तनकारी शिक्षक संघों के अतिरिक्त अन्य संगठनों के भी हजारों-हजार की संख्या में भाग लेने शिक्षक 11 जुलाई को 11 बजे पटना पहुँचेंगे. यह प्रदर्शन पूर्णत: शांतिपूर्ण और अहिंसक होगा. जबतक राज्यकर्मी की दर्जा की घोषणा विधान मंडल के इसी सत्र में सरकार नहीं करेगी तबतक विधान मंडल के सदस्यों के आवास पर उस क्षेत्र के शिक्षक डेरा डालेंगे और उनपर राज्यकर्मी का दर्जा देने पर जोर डालने की आवाज को सदन के अंदर उठाने के लिए नैतिक दबाव डालेंगे.

pncb

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