-बिहार के आपदा प्रबंधन की उम्दा नीतियों को लागू करेगा तमिलनाडु
-अपर मुख्य सचिव प्रभाकर के नेतृत्व में आए उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मण्डल ने प्राधिकरण के कार्यों को सराहा
दोनों राज्यों में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण से संबंधित आपसी समझ को विस्तार देकर आपसी सहयोग बढ़ाएंगे
बिहार के आपदा प्रबंधन नीतियों और पूर्व तैयारियों के निरंतर किए जा रहें प्रयासों और प्रशासनिक प्रतिबद्धता उच्चतम
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मिसाल कायम कर रहा है. प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे कार्यों को जानने तथा आपसी समझ विकसित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को तमिलनाडु राज्य के अपर मुख्य सचिव एस.के. प्रभाकर के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने प्राधिकरण का दौरा किया. यहां के बेहतरीन आपदा प्रबंधन नीतियों को तमिलनाडु लागू करेगा. उक्त बातें तमिलनाडु से आए अपर मुख्य सचिव एस.के. प्रभाकर ने कही.
प्राधिकरण द्वारा निर्मित नीतीश पेंडेंट, बी.एस.डी.आर.एन.(BSDRN) नेटवर्क के साथ संचालित मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम, सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम, सामुदायिक स्वयंसेवक प्रशिक्षण कार्यक्रम, भूकंप रोधी घर निर्माण हेतु राज मिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम, दिव्यांग आपदा सुरक्षा कार्यक्रम, अस्पताल अग्नि सुरक्षा कार्यक्रम, ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत अकीरा मियांवाकी तकनीक, सहित AR/VR तकनीक के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रमों की जानकारी प्राधिकरण की फिल्म देखकर तमिलनाडु राज्य के प्रतिनिधियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
एस.के. प्रभाकर ने कहा कि बिहार और तमिलनाडु दोनों आपदा प्रवण राज्य है. बिहार आना मेरी प्राथमिकताओं में रहा और मैं सही जगह पर आया हूँ. बिहार में आपदा प्रबंधन के लिए किये जा रहे कार्यों ने मुझे काफी प्रभावित किया है. तमिलनाडु में बाढ़ और अन्य आपदाओं से निपटने में यहाँ के कार्यक्रमों से मिली जानकारी की महती भूमिका रहेंगी. उन्होंने बिहार में बाढ़ प्रबंधन की तारीफ करते हुए बहुत कुछ सीखने की बात कही. इस अवसर पर डॉ. एन.श्रवण कुमार, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बिहार के आपदा प्रबंधन नीतियों और पूर्व तैयारियों के निरंतर किए जा रहें प्रयासों और प्रशासनिक प्रतिबद्धता के बारे जानकारी दी. सदस्य पी एन राय ने प्राधिकरण के नीतियों और वित्तीय प्रबंधनों के बारे में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने बाढ़ आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं वर्ष में दो बार जायजा लेते है. उन्होंने प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप और समुदाय आधारित जागरूकता संबंधित प्राधिकरण के विभिन्न कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में जानकारी दी.
इस अवसर पर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदयकांत, सदस्य पी एन राय, सदस्य कौशल किशोर मिश्र के साथ डॉ. एन. श्रवण कुमार, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, डॉ सी.एन. प्रभु, निदेशक, बिहार मौसम सेवा केंद्र, व प्राधिकरण के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे. प्राधिकरण की ओर से अतिथियों का स्वागत माननीय सदस्य कौशल किशोर मिश्र ने किया. उन्होंने अतिथियों को मोमेंटो भी प्रदान किया. इस मौके पर उपाध्यक्ष डॉ. उदयकांत ने आपदा प्रबंधन के लिए विभिन्न हित धारकों के साथ मिलकर किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बाढ़ प्रबंधन पर भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के साथ किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया साथ ही उन्होंने आपसी सहयोग के साथ दोनों राज्यों में आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण से संबंधित आपसी समझ को विस्तार देकर आपसी सहयोग बढ़ाने की बात कहीं. टी. कंथि मथि नाथन , जल संसाधन, जल विज्ञान और बाढ़ नियंत्रण विशेषज्ञ और आपदा जोखिम न्यूनीकरण .चेन्नई, एम.एस. वैधनाथन सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता व कृषि अभियांत्रिकी विभाग, वाटरशेड प्रबंधन विशेषज्ञ सह आपदा जोखिम न्यूनीकरण, चेन्नई बैठक में शामिल हुए.मंच संचालन प्राधिकरण के वरीय सलाहकार डॉ. बी.के. सहाय ने और धन्यवाद ज्ञापन सपना कुमारी ने किया.
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