अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान एक बार फिर पूरी तरह बेनकाब हो गया. शनिवार को युनाइटेड नेशंस जेनरल असेंबली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चुन-चुन कर हमले किए.

मुख्य बातें-




  • भारत आतंकवाद का सबसे पुराना शिकार
  • भारत गरीबी से लड़ रहा, पाकिस्तान भारत से
  • हमने वैज्ञानिक तैयार किए, पाक ने आतंकी
  • डॉक्टर मरते हुए लोगों की जिंदगी बचाते हैं और आतंकी जिंदा लोगों को मौत के घाट उतारते हैं
  • आतंकवाद पर कई देश दोहरी नीति अपना रहे हैं

विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए हुए कहा कि गरीबी को दूर करना टिकाऊ विकास का पहला लक्ष्‍य है. सुषमा ने पाकिस्तानी नेताओं से कहा कि वे इस पर आत्ममंथन करें कि भारत क्यों वैश्विक आईटी महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है और पाकिस्तान की पहचान ‘आतंकवाद के निर्यात के कारखाने’ की है. स्वराज ने कहा कि भारत ने IIT, IIM, AIIMS जैसे संस्थान बनाए जबकि पाकिस्तान ने L.E.T, JEM, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी गुट तैयार किए. उन्‍होंने कहा कि आतंकवाद मानव जाति के अस्तित्व पर खतरे जैसा है.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जिन समस्याओं का समाधान तलाश रहा है उनमें आतंकवाद सबसे ऊपर है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अपने शत्रु को परिभाषित नहीं कर सकते तो फिर मिलकर कैसे लड़ सकते हैं? अगर हम अच्छे आतंकवादियों और बुरे आतंकवादियों में फर्क करना जारी रखते हैं तो साथ मिलकर कैसे लड़ेंगे? अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने पर सहमति नहीं बना पाती है तो फिर हम मिलकर कैसे लड़ सकते हैं?’’

सुषमा सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन का परोक्ष रूप से हवाला दे रही थीं जिसने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रयास को बार-बार अवरुद्ध करने का काम किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस सभा से आग्रह करना चाहूंगी कि इस बुराई को आत्म-पराजय और निरर्थक अंतर के साथ देखना बंद किया जाए. बुराई तो बुराई होती है. आइए स्वीकार करें कि आतंकवाद मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा है. इस निर्मम हिंसा को कोई किसी तरह से उचित नहीं ठहरा सकता.’’


संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में सुषमा ने कहा, ‘‘हम सबको आत्ममंथन करना चाहिये और खुद से पूछना चाहिये कि क्या हमारी चर्चा, जो कार्रवाई हम करते हैं कहीं से भी उसके करीब है. हम इस बुराई की निंदा करते हैं और अपने सभी बयानों में इससे लड़ने का संकल्प जताते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि ये सिर्फ दस्तूर बन गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि जब हमें इस शत्रु से लड़ने और उसका नाश करने की जरूरत है तो कुछ का स्वहित उन्हें दोहरेपन की ओर ले जाता है.’’

PM मोदी ने विदेश मंत्री के भाषण की तारीफ की है. सुषमा स्वराज के भाषण के तुरंत बाद PM ने ट्वीट किया.

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