पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | शनिवार 02 मार्च को प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजनान्तर्गत आईजीआईएमएस पटना में 178 करोड़ से क्षेत्रीय चक्षु संस्थान व पीएमसीएस, पटना में 200 करोड़ से बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गरीबों की बीमारी कालाजार, टीबी और फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए सरकार संकल्पित है. वर्ष 2008 में जहां कालाजार से 142 लोगों की मृत्यु हुई वहीं आज इसकी संख्या शून्य है. इस साल के अन्त तक कालाजार का पूरी तरह से उन्मूलन कर दिया जायेगा. 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य है. स्वास्थ्य विभाग के बजट में सर्वाधिक 3 हजार करोड़ की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 9 हजार 622 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
मोदी ने कहा कि कालाजार से प्रभावित प्रखंडों की संख्या 67 से घट कर मात्र 30 रह गई है. कालाजार से पीड़ितों को इलाज के लिए सरकार 6,600 रुपये दे रही है. टीबी मरीजों की पहचान कर उनका इजाल करने वाले निजी चिकित्सकों को 1 हजार रुपये के साथ मरीजों को मुफ्त दवा और पोषण के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं. दो साल की उम्र होने पर लड़कियों को सभी प्रकार के टीके दिलाने पर उसके खाते में सरकार 2 हजार रुपये दे रही है. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रति प्रसव 1400 और शहरी क्षेत्रों में 1000 रुपये दिए जा रहे हैं. विगत साल अस्पतालों में 16 लाख प्रसव कराये गए हैं.
एनडीए सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्य के फलस्वरूप शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर घटी है तथा बिहारियों की औसत आयु 3 वर्ष बढ़ कर 68.7 वर्ष हो गया है जो राष्ट्रीय मानक के करीब होने जा रहा है. स्वास्थ्य के सभी मानकों पर बिहार प्रगति कर रहा है.
बिहार सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जाएगी. साथ ही बिहार के प्रत्येक जिले में पारा मेडिकल, जीएनएम और एएनएम कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 6 करोड़ 30 लाख की लागत से 51 एएनएम स्कूल, 13 करोड़ 35 लाख की लागत से 38 जीएनएम स्कूल और 10 करोड़ की लागत से 21 परा मैडिकल काॅलेज खोले जा रहे है.