पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | मंगलवार 5 फरवरी को ‘प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना’ का औपचारिक शुभारंभ पटना के दशरथ मांझी श्रम एवं अध्ययन संस्थान में हुआ. समारोह का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि असंगठित कामगारों के लिए केन्द्र सरकार की यह एक ऐसी पेंशन योजना है जिसमें 55 से 200 रुपये प्रतिमाह अंशदान करने वालों को 60 वर्ष की आयु के बाद प्रतिमाह 3 हजार रुपये पेंशन मिलेगी. कामगार जितनी राशि अंशदान करेंगे, उतनी ही राशि हर महीने सरकार भी जमा करेगी. योजना के अन्तर्गत अल्प समय में बिहार के 33 हजार असंगठित कामगारों का निबंधन हो चुका है.
मोदी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने बिहार के कुल 94.42 लाख गरीबों को बीमा का सुरक्षा कवच प्रदान किया है. बिहार में 4.12 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन खाताधारक के अलावा 66.29 लाख प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा धारक व 28.13 लाख प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा धारक हैं. अगर कोई जनधन खाताधारक दोनों बीमा योजनाओं में शामिल हैं तो उसकी मृत्यु के बाद उसके परिजनों को 6 लाख रुपये तक की सहायता राशि मिलेगी. शून्य जमा पर खुले जनधन खातों में बिहार के गरीबों ने 8,567 करोड़ रुपये जमा कराया है. जनधन खाताधारकों को स्वतः 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, बिना किसी शर्त के 2 हजार रुपये का कर्ज और कुछ निश्चित शर्तों के साथ 10 हजार तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिलती है. बिहार में अटल पेंशन योजना के 12.29 लाख लाभार्थी है.
मुद्रा योजना के तहत जहां पूरे देश में साढ़े तीन करोड़ को 7.5 लाख करोड़ का ऋण दिया गया है वहीं बिहार के 26 लाख लोगों के बीच बैंकों ने 22,328 करोड़ वितरित किया है.
सरकार विदेशों में फंसे मजदूरों को आने और दवा आदि के लिए 500-500 रुपये तथा अलग से 1500 यानी कुल 2500 रुपये देती है. श्रमिक कल्याण बोर्ड में निबंधित 12 लाख से ज्यादा निर्माण मजदूरों में से 1.80 लाख को 3 हजार की दर से चिकित्सा सहायता के तौर पर 54 करोड़ दिया जा चुका है और आज 78 हजार अन्य निर्माण मजदूरों को 23 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया है. निर्माण मजदूरों की स्वभाविक मृत्यु सहायता राशि को 1 से बढ़ा कर 2 लाख कर दिया गया है.