पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकारी बंगले की सज्जा पर जनता के करोड़ों रुपये खर्च करवाने वाले राजद नेता को त्यागी पुरुष बताने पर सवाल किया कि क्या फर्जी कंपनियों के जरिये 29 साल की उम्र में 53 बेनामी सम्पत्ति हासिल करना नई सोच और त्याग का सूचक है? हाल में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जो सरकारी बंगला खाली किया गया, उसकी विलासितापूर्ण सज्जा पर उपमुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या ऐशोआराम के लिए जनता के करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाना नई सोच है?
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति निजी शौक और नई सोच को पूरा करने के लिए यदि अपनी वैध कमाई का उपयोग निजी आवास में करे, तो उस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन कथित नई सोच को अवैध तरीके से पूरा करना जायज नहीं.उन्होंने कहा कि जो लोग सूचना क्रांति को आईटी-वाईटी बताकर नई सोच का मजाक उड़ाते थे और आज भी बुलेट ट्रेन का विरोध करते हैं, उनके लिए नई सोच का पैमाना भी दोहरा है.वे गरीबों-दलितों पिछड़ों को विकास की नई रोशनी से दूर लालटेन युग में रखना चाहते हैं और अपने लिए खर्च करने में सारी मर्यादाएं तोड़ देते हैं.
मोदी ने पूछा कि क्या राजद की नई सोच में जेपी और कर्पूरी ठाकुर के जीवन जैसी सादगी और ईमानदारी के लिए कोई जगह नहीं बची है?