मो. रफ़ी की 100वीं वर्षगाँठ 2025 में मनाई
आरा, 15 जनवरी. कला एक ऐसी साधना है जिसके जादू से निकलते प्राण भी रुक जाते हैं. उसमें भी जब संगीत की बात हो तो उसका अलग ही जादू होता है. संगीत के ऐसे ही जादू को एक शदी तक कायम रखने वाले गायक मो. रफी की 100वीं वर्षगाँठ भोजपुर मुख्यालय आरा में पिछले दिनों ‘प्रेम का सुसाज’ संस्था ने मनाई जहाँ सुरों की अठखेलियाँ घँटों समा बांधते रही और उन सुरों में 2025 अपने आगमन के साथ अंगड़ाई लेते रहा. इतना ही नही सुरों के सम्राट मो. रफी के चाहने वालों ने इस मौके पर 100 पौधे भी लगाए जिसे पाकर प्रकृति ने भी मुस्कान बिखेरी.
हरदिल अजीज गायक मो. रफी के जन्म शताब्दी समारोह नागरी प्रचारिणी सभागार में मानाई गई जिसमें आरा, बक्सर और डाल्टेनगंज (झारखंड) के कलाकारों ने मो.रफी और उनके साथ गाए गायक-गायिकाओं के 100 गानों को प्रस्तुत किया. साथ ही मो.रफी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित सवालों के जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन गायक धर्मेन्द्र कुमार, शिक्षक रमेश कुमार, गायक मो. रफी, राजकुमार, गायिका सुनीता पांडेय और संगीत प्रेमी इकबाल इल्मी ने दीप जलाकर और मो.रफी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया.
उद्घाटन सत्र के बाद धर्मेन्द्र कुमार और रजनी शाक्या ने सौ साल पहले के गीत मुझे तुमसे प्यार था…गीत को गाकर कार्यक्रम का शानदार आगाज किया. राजाराम शर्मा ने नाचे मन मोरा मगन…, डा.अमित जयसवाल ने तू कहां ये बता ये बता इस नशीली रात में…, मो.नौशाद ने एक न एक दिन कहानी…., सबीना अंसारी ने ऐ फूलों की रानी बहारों की मलिका…., कुमार अनुपम ने ये चांद सा रोशन चेहरा…., मो.रफी ने खुदा भी आसमां से जब जमीं…, अलका शरण ने न झटको जुल्फ से पानी…, अंबे शरण ने बाबुल की दुआएं लेती जा…, सृष्टि ने मधुबन में राधिका नाचे रे…गीत को प्रस्तुत किया. वहीं राजकुमार व आरती मौर्या ने छुप गए सारे नजारे ओय क्या बात….रमेश कुमार व सृष्टि ने झिलमिल सितारों का आंगन होगा…, धर्मेन्द्र कुमार व संजना सिह ने बेखुदी में सनम उठ गए…, शमशाद ‘प्रेम’ व सरगम ने साथियां नहीं जाना कि दिल न लगे…, नवीन कुमार व सुनीता पांडेय ये परदा हटा दो ये मुखड़ा दिखा दो…, रमेश कुमार व मो. नौशाद ने सात अजूबे इस दुनिया मे… गानों को बखूबी प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक शमशाद प्रेम ने कहा कि मो. रफी साहब एक अच्छे फनकार ही नहीं बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे. फिल्म संगीत में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. निधन के वर्षों बाद भी आज विश्व में उनके चाहने वालों की एक अच्छी तादाद है.
मंच संचालन रेड क्रॉस की सचिव डा.विभा कुमारी और कार्यक्रम के संयोजक शमशाद ‘प्रेम’ ने किया. कार्यक्रम के अंत में इस आयोजन से जुड़े शिक्षक सह गायक मो.मनव्वर अंसारी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई.
देश के विभिन्न शहरों से मिले शुभकामना संदेश
कार्यक्रम के दौरान चर्चित संगीतकार दिलीप सेन (मुम्बई),
एंकर, अभिनेता, कवि व व्लॉगर जावेद नसीम (हैदराबाद), अपने घरों में मो.रफी साहब का मंदिर व म्यूजियम बनाने वाले उमेश मखीजा (गुजरात), रफी अरुण गौतम (दिल्ली), संजीव दीक्षित (लखनऊ), अभिनेता घनश्याम उपाध्याय (मुम्बई) और दूरदर्शन केंद्र, भुवनेश्वर के हिंदी अधिकारी (प्रभारी) सह पुस्तकालय एवं सूचना सहायक राजेश तिवारी के शुभकामना संदेश को प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया. वही आरा शहर के चंदवा में 2 जनवरी 2022 को आयोजित फिल्म संगीत के कार्यक्रम में शाहिद रफी के कार्यक्रम के प्रमुख हिस्से को भी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया.
सम्मानित किये गए कलाकार
कार्यक्रम में शामिल कलाकारों को सम्मान पत्र, अंग-वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. मो.रफी स्मृति सम्मान से गायिका सुनीता पांडेय और गायक धर्मेन्द्र कुमार को सम्मानित किया. साथ ही अन्य कलाकारों को भी सम्मानित किया गया.
लगाए गए 100 पौधे
मो.रफी जन्म शताब्दी को यादगार बनाने के लिए शहर के विभिन्न हिस्से में 100 पौधे लगाए गए. इस कार्य में विश्व पर्यावरण बचाओ संस्थान का सराहनीय सहयोग रहा. साथ ही रफी साहब की याद में कुरानखानी भी कराई गई.