70 साल में एक बार दिखता है सुपर मून
अन्य दिनों की अपेक्षा 30 परसेंट चमकीला होगा आज का चाँद
आज की रात चाँद को देखना न भूले क्योंकि आज का चाँद 70 वर्षों पहले दिखा था इस लिए आप भी जरुर देखें. जी हाँ हम बात कर रहे हैं सुपर मून की जो आज दिखाई देगा कल नासा के अलावे दुनिया के कई इलाकों के लोगों ने इस चाँद के अद्भुत नजारे को देखा है. लगभग 70 वर्षों में पहली Supermoon रात आकाश में दिखाई देता है.आपने अपने जीवन में ऐसा अद्भुत चाँद कभी नहीं देखा होगा. आज सुबह, 14 नवंबर, 1948 के बाद से पृथ्वी के करीब चंद्रमा दिखा है. यह 14 प्रतिशत बड़ा है और औसत मासिक पूर्णिमा की तुलना में 30 प्रतिशत उज्जवल दिखाई देगा. आज रात आसमान भी Supermoon के लिए मुख्य रूप से साफ रहेगा। आज रात को चंद्रमा को अपनी यादों में ताउम्र कैद करने में पीछे नहीं रहे और चाँद के प्रभावशाली छवि का गवाह बनने के लिए कुछ समय अवश्य दें.
विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इस रात को दिखने वाला चांद आम पूर्णमासी को दिखने वाले चांद की तुलना में 14 फीसद ज्यादा बड़ा और 30 फीसद तक ज्यादा चमकीला दिखेगा. सुपर मून शब्द का पहली बार प्रयोग करीब 30 साल पहले एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोएल ने किया था.
दरअसल, इस स्थिति में चंद्रमा धरती के काफी करीब आ जाता है क्योंकि धरती की कक्षा पूरी तरह से गोल न होकर दीर्धवत्ताकार है. जब चंद्रमा धरती के काफी करीब होता है, तो वह ज्यादा चमकीला और बड़ा दिखाता है, जिसे सुपर मून कहा जाता है.
एक Supermoon क्या है?
एक Supermoon आम तौर पर दो घटना को दर्शाता है. जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के लिए अपने निकटतम स्थिति के 90% के भीतर होता है. चूंकि चंद्रमा की कक्षा अंडाकार है उपभू दौरान चंद्रमा पराकाष्ठा से पृथ्वी पर लगभग 30,000 मील की दूरी करीब होती है. जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के सभी अप लाइन के रूप में चंद्रमा की कक्षाओं में पृथ्वी आती है और चंद्रमा सूर्य से पृथ्वी की विपरीत दिशा में स्थित होता है, तब हमे एक Supermoon मिलता है.