शहाबुद्दीन के बेल के बाद चौतरफा किरकिरी झेल चुकी बिहार सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. शुक्रवार को राजबल्लभ यादव को बेल मिल गई. ये वही राजबल्लभ हैं जिनपर नाबालिग से रेप का आरोप है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा है कि पहले शहाबुद्दीन की बेल के मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश फिर नाबालिग से रेप के आरोपित राजबल्लभ यादव को मिली जमानत और शराबबंदी के लिए लाए गए कठोर प्रावधानों वाले कानून को हाईकोर्ट द्वारा रद्द किए जाने से नीतीश सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सवाल उठाया कि बिहार में शहाबुद्दीन जैसे दुर्दांत और राजबल्लभ यादव जैसे बलात्कार के आरोपित को बेल मिल जाती है. ऐसे अपराधियों को बेल मिलना सरकार-अपराधी गठजोड़ का परिणाम ही है. उन्होंने कहा कि आखिर नाबालिग से रेप के आरोपित राजबल्लभ को स्पीडी ट्रायल चला कर अब तक सजा क्यों नहीं दी गई.
सीवान में शहाबुद्दीन के सरेंडर पर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से बेल रद्द होने के बाद फिर शहाबुद्दीन ने यह साबित कर दिया कि वह पुलिस और कानून से ऊपर है. डीएम और एसपी उसके दरवाजे पर बैठे रहे और वह सबकी नजरों से बच कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सुशील मोदी ने शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर रखने और उसके सभी मामलों की सुनवाई अन्य राज्यों में कराने की मांग की है.
सुमो ने ये भी कहा कि भाजपा शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन जिस आधार पर शराबबंदी के तालिबानी कानून का विरोध कर रही थी, उसे हाईकोर्ट ने उसी आधार पर रद्द कर दिया है. शराब की एक बोतल मिलने पर पूरे परिवार को जेल, सामूहिक जुर्माना और मकान जब्त करने जैसे प्रावधान तालीबानी फैसले हैं और इनका सार्वजनिक विरोध हो रहा है.