मिलों दूर समुद्र में निगरानी में मिलेगी मदद
10 समुद्री मील/घंटा की गति से चल सकती है
आगे बढ़ाकर 25 समुद्री मील तक किया जाएगा
सागर डिफेंस इंजीनियरिंग नाम की कंपनी के साथ बनाया गया
24 घंटे पानी में रहकर पेट्रोलिंग कर सकती है
महाराष्ट्र के पुणे में समुद्र तट पर मानवरहित हथियारबंद नावों का परीक्षण किया गया. डीआरडीओ ने पुणे में 3 मानव रहित हथियारबंद नावों का परीक्षण किया है. ग्रुप निदेशक पी.एम नाइक ने कहा कि जहाज पर कोई मानव नहीं होने के कारण वीडियो को ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन पर स्थानांतरित किया जाएगा जो निगरानी करने में उपयोगी होगा.
इस मानवरहित नाव को डीआरडीओ ने विकसित किया है. अभी इस नाव का नाम नहीं दिया गया है. डीआरडीओ के निदेशक पीएम नाइक ने बताया कि हथियारों से लैस नाव को रिमोट कंट्रोल के जरिए नियंत्रित किया गया. इसका इस्तेमाल समुद्री सीमा की निगरानी और दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए आसानी से किया जा सकता है. यह नाव पूरी तरह से भारत में निर्मित है, जिसे सागर डिफेंस इंजीनियरिंग नाम की कंपनी ने डीआरडीओ के साथ मिलकर विकसित किया है.
डीआरडीओ के ग्रुप निदेशक ने कहा कि नाव के परीक्षण के दौरान उस पर कोई भी सवार नहीं था. नाव का इस्तेमाल दुश्मनों की निगरानी और उन पर हमला करने के लिए किया जा सकेगा. पीएम नाइक ने कहा कि यह नाव गश्त के लिए उपयोगी है. किसी भी आपातकालीन स्थिति में नाव पर हथियार भी लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम वर्तमान में भामा आस्केड बांध में अपनी टीम का भरोसा बनाने के लिए इसका परीक्षण कर रहे.
यह मानवरहित नाव इलेक्ट्रिक और मोटर इंजन से चलती है और एक बार में लगातार 24 घंटे पानी में रहकर पेट्रोलिंग कर सकती है. दुश्मनों से इस नाव को बचाने के लिए इसमें खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. अगर नाव दुश्मन के कब्जे में आ जाती है, तो इसके अंदर मौजूद कंट्रोल बोर्ड खुद ही डिस्ट्रॉय हो जाएंगे. ताकि कोई गोपनीय सूचना या महत्वपूर्ण डाटा दुश्मन के हाथ न लगे. इसमें लगे सोनार और रडार सिस्टम की मदद से सरफेस सर्विलांस के अलावा यह नाव एंटी सबमरीन वॉरफेर और माइंस काउंटर मेसर में भी काम कर सकती है.
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