पटना।। जगजीवनराम इंस्टीट्यूट ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडी एंड रिसर्च सेन्टर में हो रहे, The Indian stammering association (TISA) का 13th national conference का तीसरा और समापन दिन था, जिसमें तीसा के फाउंडर डॉ सत्येन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में योगा एवं ध्यान से आरंभ करते हुए, हकलाने वाले प्रतिभागियों के द्वारा रोल प्ले के माध्यम से हकलाने वाले व्यक्तियों को सभी क्षेत्रों में एक आप आदमी की तरह समान अवसर प्रदान करने का संदेश दिया.
वीडियो कॉन्फ्रेंस व पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से तीसा के अनेक अनुभवी वरिष्ठ सदस्यों ने हकलाने को काबू करने, हकलाने के परे देखने की सोच, एक आम आदमी की तरह हकलाने वाले व्यक्तियों के लिए भी विभिन क्षेत्रों में नौकरियों, बिजनेस, एंटरप्रेन्योर के अवसरों के बारे में जानकारी दी और प्रतिभागियों के मन में चल रहे नौकरी पाने से सम्बंधित सवालों के जवाब दिए और उनका मनोबल बढ़ाया.
कार्यक्रम में प्रतिभागी ओपन माइक सेशन में भाग लिए जिसमें उन्होंने बोलने का अभ्यास, अपने जीवन के अच्छे-बुरे अनुभव को साझा किया, और इको पार्क में हकलाने के प्रति जागरूकता के लिए लोगों से बातचीत की व हकलाने वालों की बात को ध्यान से सुनने और समझने का संदेश दिया तथा हकलाने की मानसिकता से राहत के लिए “हकलाओ मगर प्यार से का नारा दिया”.
इस बीच जगजीवनराम इंस्टीट्यूट ऑफ पार्लियामेंट्री स्टडीज एंड पॉलिटिकल रिसर्च के डायरेक्टर डॉ नरेन्द्र पाठक और बिहार सरकार विभिन्न वरिष्ठ अतिथियों ने तीसा के प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया तथा समाज को हकलाने से संबंधित जागरूक होने के लिए कहा. इस मौके पर डॉ सचिन ने कहा कि तीसा बिल्कुल मुफ्त है, इसमें कोई भी हकलाने वाला व्यक्ति stammer.in वेबसाइट के माध्यम से जुड़ सकता है. इस तरह तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ.
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