बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र के पहले दिन आज अंदर और बाहर जमकर हंगामा हुआ. सृजन घोटाले को लेकर राजद नेताओं ने सरकार को घेरने को कोशिश की. सदन के बाहर विपक्षी सदस्य सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम सुशील मोदी के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी गई.
विपक्ष का आरोप है कि सृजन घोटाले के आरोपी महेश मंडल की इलाज के दौरान हुई मौत दरअसल हत्या है. बता दें कि महेश जिला कल्याण विभाग में नाजिर के पद पर कार्यरत था. उसकी दोनो किडनियां फेल थी और वो डायलिसिस पर था. महेश पर सरकारी नौकरी के दौरान अरबों रुपए की कमाई का आरोप है. महेश को पुलिस ने 13 अगस्त को गिरफ्तार किया था. 15 अगस्त को जेल जाने के बाद उसकी तबियत खराब हो गई. उसके बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. लेकिन रविवार को देर रात इलाज के दौरान महेश की मौत हो गई. महेश का बेटा जेडीयू का नेता और जिला परिषद का सदस्य भी है. महेश के परिजनों ने आरोप लगाया है कि महेश का इलाज सही वक्त पर नहीं हो पाया इसलिए उसकी मौत हो गई है.
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अब इसे मुद्दा बनाकर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि महेश अगर जिंदा रहता तो इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम समेत कई बड़े नेता और अधिकारी की संलिप्तता के बारे में खुलासे करता. इसलिए जान बूझकर उसके इलाज में देरी की गई जिसके कारण उसकी मौत हो गई.
इधर बीजेपी नेता और मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि महेश गंभीर रुप से बीमार था और उसकी स्वाभाविक मौत हुई है. आरजेडी बकवास कर रही है. सरकार इस मामले में दोषी लोगों को नहीं बख्शेगी. इधर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सजायाफ्ता और खुद भ्रष्टाचार के कई मामले में आरोपी लालू और उनेक बेटों को पहले अपने उपर लगे आरोपों पर जवाब देना चाहिए. सृजन घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है.