मोक्ष के मार्ग का आसाान रास्ता है नृत्य – संगीत : सोनल मानसिंह
पद्मश्री सोनल मानसिंह ने पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नृत्य – संगीत सिर्फ नाच – गाना नहीं है. मोक्ष के मार्ग का सबसे सरल और आसान रास्ता नृत्य और संगीत है. बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड (कला संस्कृति विभाग) द्वारा आयोजित बिहार शाॅर्ट एवं डॉक्यूमेंट्री फिल्म महोत्सव 2016 में शिरकत करने आई मानसिंह ने कहा कि बिहार की संस्कृति और परंपरा काफी धनी है. मिथिला, भोजपुरी, ध्रुपद जैसीी कलाएं बिहार की संस्कृति को धनी बनाती है । साथी हमारी नई पीढ़ी को मूल्यों से जोड़े रखती है. मानसिंह ने बिहार के कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘मेरे भारत के दिव्य हार’ का उद्धरण देते हुए कहा कि यहां के विद्वानों में अद्भुत क्षमता थी, जिसके बारे में वे आज हमारे देश समाज की स्थितियों के बारे में लिख देते थे. मानसिंह ने इसके अलावा अपनी जीवन के कई महत्वपूूर्ण पड़ावों पर चर्चा करते हुए कहा कि जब जिद्द दिल से हो तो परिणाम अच्छा ही होता है, हां अगर उसमें अपने लिए कुछ भी ना हो. एक सवाल के जवाब में कहा कि जो चीजें समाज से नहीं जुड़ती हैं, वो खत्म हो जाती हैंं.
वहीं, संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फिल्मकार गौतम घोष ने कहा कि बिहार भारतीय संस्कृति का केंद्र है. यहां का इतिहास, सभ्यता और संस्कृति काफी समृद्धि है. बिहार की पंरपरा लोगों केे खून में बसती है. घोष ने कहा कि हालांकि मानवता के इतिहास में मोबाइल ने बड़ा चेंज लाया दिया, लेकिन फिर भी हमारी सभ्यता और संस्कृति की जड़ें इतनी गहरी है कि तकनीकी बदलाव के बाद भी यहां मूल्य कायम हैं. हजारों वर्ष आज भी पुरानी परंपराएं आज भी जीवित हैं. संवाददाता सम्मेलन केे विनोद अनुपम ने जानकारी दी कि फिल्म महोत्सव केे अंतिम दिन पद्मश्री सोनल मानसिंह की जीवन पर मशहूर फिल्मकार प्रकाश झा द्वारा निर्मित फिल्म सोनल का प्रदर्शन होगा. संवाददाता सम्मेलन में बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम लिमिटेड के एमडी गंगा कुमार भी मौजूद थे.