नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाने की योजना को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने तेजी से काम के दिए हैं निर्देश
सूबे के सभी नहरों के लिए अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध
पायलट प्रोजेक्ट में हुई देरी की वजह से समेकित अनुमति
पटना. नहरों के किनारे एक कतार में बड़ी संख्या में सोलर प्लेट लगाए जाने की योजना के लिए जल संसाधन विभाग ने बिजली कंपनी को इकट्ठे सूबे के सभी नहरों के लिए अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया है. बिजली कंपनी को अब अलग-अलग नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाए जाने के काम को ले पृथक रूप से कोई अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. नहरों के किनारे ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाने की योजना सरकार की प्राथमिकता में भी है.
बिजली कंपनी ने नहरों के किनारे ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाए जाने की अपनी योजना पटना नहर के बिक्रम इलाके में शुरू करने की योजना बनायी थी. यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में था. इस प्रोजेक्ट के लिए सात से आठ महीने अंतरविभागीय मंजूरी हासिल करने में लग गए. जल संसाधन विभाग ने इसके बाद इस शर्त के साथ बिजली कंपनी को मंजूरी प्रदान किया कि वह नहरों की सफाई के लिए जाने वाले वाहनों का रास्ता छोड़कर अपना काम करे. इस अनुमति के बाद पायलट प्रोजेक्ट का काम आगे बढ़ा.बिजली कंपनी के आला अधिकारी ने बताया कि अब नहर के किनारे सोलर प्लेट लगाने की योजना में अंतरविभागीय अनुमति का झंझट खत्म हो गया है. इसलिए नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाने की योजना को तीव्र गति से कम समय में क्रियान्वित करना संभव हो सकेगा. बिजली कंपनी ने इसकी तैयारी कर रखी है.
बिजली कंपनी ने इस प्रोजेक्ट की फिजिबिलटी पर गुजरात की एक कंपनी से डीपीआर बनवाया हुआ है. गुजरात में यह माडल काफी सफल रहा है. सोलर प्लेट लगाए जाने को ले जमीन की समस्या नहर के किनारे एक सीध में जमीन मिलने की वजह से हल हो गयी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नहरों के किनारे सोलर प्लेट लगाए जाने की योजना को तीव्र गति से क्रियान्वित किए जाने के निर्देश दिए हैं. बिजली कंपनी द्वारा ब्रेडा के माध्यम से इस योजना का क्रियान्वयन कराया जाना है.
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